देश के आम लोगों को केंद्र सरकार एक बड़ी राहत देने की तैयारी लगी हुई है. कहा जा रहा है कि केंद्र सरकर जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दाम को कम करने वाली है. सरकार ने तेलों के दामों को कम करने के निर्देश तेल कंपनियों को दे दिया है. ऐसे भी कुछ महीनों से पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के वजह से मोदी सरकार को आलोचनाओं का समाना करना पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने तेल कंपनियों को 1 रुपए प्रति लीटर का भार उठाने के लिए कहा है.
सरकार की इस कदम पर ऑयल एंड गैस मामलों के एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने जी बिजनेस से बात करते हुए कहा कि क्रूड कीमतों को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट है. सरकार ने ग्राहकों पर बोझ नहीं डालने के लिए कहा है. इस पर सरकार और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के बीच बातचीत जारी है. हालांकि, अच्छी बात यह है कि क्रूड ऑयल में और ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है. आपको बता दें, उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए सरकार ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को मार्जिन कम करने के लिए कह सकती है. क्रूड के बढ़ते दाम के मद्देनजर सरकार की ओर से दखल जरूरी हो गई थी. हाल ही में तेल मंत्रालय ने भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम पर चिंता जाहिर की थी. साथ ही वित्त मंत्रालय से एक्साइज ड्यूटी घटाने की भी अपील की थी.
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा और मंडराने लगा है. इससे सरकार के फिस्कल डेफिसिट और करेंट अकाउंट डेफिसिट में भी इजाफा हो रहा है, जिससे इकोनॉमी की मैक्रो स्टेबिलिटी प्रभावित हो रही है. क्योंकि पेट्रोल और डीजल के दाम अब रोजाना तय होते हैं. लोगों की परेशानी इसलिए बढ़ गई है कि इनमें अब लगातार इजाफा हो रहा है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत 81.80 रुपए के स्तर पर और दिल्ली में पेट्रोल का दाम लगभग 74 रुपए के स्तर पर पहुंच गया. ये भाव 5 साल के उच्चतम स्तर है.