राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास 10,सर्कुलर रोड की सुरक्षा में तैनात बीएमपी-2 के 32 कमांडो को मंगलवार की देर शाम पुलिस मुख्यालय ने वापस बुला लिया। इसके बाद बिहार की सियासत तेज हो गई है। इस संबंध में एडीजी (मुख्यालय) एसके सिंघल ने बताया कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के सरकारी आवास से सुरक्षा वापस लेने का निर्णय विशेष शाखा की समिति ने लिया है। वहीं, आइजी (सुरक्षा) बच्चू सिंह मीणा ने कहा कि लालू परिवार की सुरक्षा न तो बढ़ाई गई है और न हीं परिवार के किसी सदस्य की सुरक्षा हटाई गई है।
लालू प्रसाद के पुत्र व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव और राबड़ी देवी ने बाडीगार्ड लेने से इंकार कर दिया। बुधवार की सुबह योगदान देने आये सुरक्षागार्ड को को वापस लौटा दिया गया। इसके साथ ही राजद के विधायक और विधान पार्षदों ने भी सुरक्षा नहीं लेने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा वापस लिए जाने के फैसले पर तेजस्वी ने कहा कि विगत दस महीने से सुरक्षा श्रेणी निर्धारित करने व उसे बढ़ाने के लिए कई बार गृह विभाग को लिखा गया है। लेकिन राजनीतिक विद्वेष के कारण इसमें वृद्धि करने बजाय कटौती की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सीबीआइ की पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुरक्षा गार्ड हटाया जाना बड़ी साजिश है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि हम डरपोक नहीं हैं कि जो अपनी सुरक्षा में 800 जवान तैनात रखते हैं। हमारे द्वारा लौटाए गए सुरक्षाकर्मियों को नीतीश कुमार अपनी सुरक्षा में तैनात कर लें। हम तो गरीब जनता के बीच रहने वाले लोग हैं।
तेजस्वी ने कहा कि मेरी माता श्रीमती राबड़ी देवी जी ने पूर्व CM की हैसियत से प्राप्त सुरक्षा, मेरे भाई को विधायक के नाते और मुझे नेता प्रतिपक्ष के नाते प्राप्त सुरक्षा को बिहार के सीएम नीतीश कुमार को वापस सौंप रहे है ताकि वो तुच्छ ईर्ष्यालु कार्य छोड़ सकारात्मक कार्यों पर ध्यान केन्द्रित कर सके।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज दिन में नीतीश कुमार ने असंवैधानिक तरीक़े से मुझे नेता प्रतिपक्ष के नाते कैबिनेट मंत्री के समान प्राप्त अधिकारों को दरकिनार करते हुए सरकारी आवास ख़ाली करने का नोटिस निर्गत करवाया है और शाम को परिवार की सुरक्षा कटौती के लिए दूत भेज दिए।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि राबड़ी देवी पूर्व मुख्यमंत्री हैं, तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा है, ऐसे में नीतीश कुमार गलत काम कर रहे हैं। यह काफी खतरनाक खेल हो रहा है।
राजद विधायक भोला यादव ने कहा कि यह एक बड़ी साजिश है। जनता यह साजिश देख रही है। हम सारी सुविधा और सारे सुरक्षाकर्मी को वापस कर रहे हैं। हम जनता के भरोसे रहेंगे। जनता हमारी सुरक्षा करेगी। राजद के कार्यकर्ता हमारी सुरक्षा करेंगे।
राजद नेता शक्ति यादव ने कहा कि कल सीबीआइ की छापेमारी की गई, तेजस्वी यादव से आवास वापस मांग लिया गया, राबड़ी देवी के आवास से सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया, आखिर सरकार चाह क्या रही है? हमारे नेता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
वहीं, जदयू नेता संजय सिंह ने कहा कि लालू यादव वहां मौजूद नेहीं हैं, इसलिए सुरक्षा में कटौती किया गया है। यह सब संविधान और नियम के तहत किया गया है। क्या कोई व्यक्ति संविधान से बड़ा हो सकता है? यह पूछे जाने पर कि तेजप्रताप, तेजस्वी और राबड़ी देवी ने सुरक्षागार्ड लेने से इंकार किया है, पर जदयू नेता ने कहा कि यह उनकी इच्छा है। वे सुरक्षा लें या नहीं, उनके स्वविवेक पर निर्भर करता है।
इस बीच, सिंघल ने बताया कि विशेष शाखा की सुरक्षा समिति ही राज्य में किसी भी गणमान्य व अति विशिष्ट लोगों की जान पर खतरा और उनकी सुरक्षा का आकलन करती है। समय-समय पर इस समिति की बैठक में गणमान्य व अतिविशिष्ट लोगों की जान पर खतरा और उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जाती है।
लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती व उनकी संख्या का निर्धारण भी इसी समिति के द्वारा किया जाता है। समिति ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी की सुरक्षा की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है। वहीं, आइजी (सुरक्षा) बच्चू सिंह मीणा ने कहा कि लालू परिवार की सुरक्षा न तो बढ़ाई गई है और न हीं परिवार के किसी सदस्य की सुरक्षा हटाई गई है। जिस व्यक्ति को सुरक्षा दिया गया है, उसकी अनुपस्थिति में सुरक्षाकर्मी को वापस बुला लिया जाता है।
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