दिल की बीमारी से परेशान एक किशोरी ने रोजा रखा तो मां ने मना किया कि तबीयत ठीक नहीं रहती तो रोजा क्यों रखती हो, इस पर किशोरी ने कमरे में जाकर सल्फास की गोलियां खा लीं। किशोरी को दिल की बीमारी थी और वह अपनी बीमारी से आजिज आ चुकी थी। किशोरी ने सल्फास की गोलियां तो खाई हीं साथ ही हाथ की नसें भी काट डालीं। बेपनाह दर्द होने पर जब वह चीखी तो परिवारीजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां इलाज के दौरान उसकी रात में ही मौत हो गई।
पिता की पहले हो चुकी है मृत्यु
रायबरेली के सलोन कोतवाली क्षेत्र के ख्वाजापुर गांव की रहने वाली अनीसा बानों के पति सरफराज खान की दो साल पहले किसी कारण से मृत्यु हो गई थी। इनके पूरे परिवार में छह बेटे हैं। इनमें से दो मुंबई में रहते हैं और तीन बेंगलूरू में नौकरी करते हैं। इन्होंने दो बेटियों की शादी भी कर दी है। घर पर अनीसा बानो और उनकी बेटियां खुशबू और नगमा व सबसे छोटा बेटा शाहरुख ही घर पर ही रहते हैं। आपको बताते दें कि खुशबू को दिल की बीमारी काफी दिनों से है। उसका इलाज सहारा अस्पताल लखनऊ में चल रहा था।
दिल में छेद होने के बावजूद रखा था रोजा
खुशबू ने शुक्रवार शाम को रोजा रखा था और शाम के वक्त उसने रोजा खोला भी था। शाम को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। इस पर मां अनीसा ने डांटा कि जब तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं रहती तो रोजा क्यों रखती हो। यह दर्द खुशबू को सहन नहीं हो रही थी और इसके बाद वह बगल वाले कमरे में गई वहां गेहूं में रखी सल्फास की गोलियां निकालकर उसने खा लीं। इसके बाद उसने चाकू से अपने बाएं हाथ की नसें भी काट ली थीं। फिर जब खुद को दर्द हुआ तो वह चीखने-चिल्लाने लगी।
ईद के पहले परिवार में गमी से छाया मातम
घर पर मौजूद अनीसा ने तुरंत अपने दामाद शौकत अली निवासी रसूलपुर को फोन करके पूरी बात बताई और घर पर तुरन्त आने के लिए कहा। रात में खुशबू को जिला अस्पताल लाया गया। यहां इलाज के दौरान रात में लगभग 12 बजे उसकी मौत हो गई। कोतवाली प्रभारी अनिल सिंह ने बताया कि किशोरी के खुदकुशी करने का मामला संज्ञान में आया है। जांच कराई जा रही है। वह बीमार रहती थी, इसी वजह से उसने आत्महत्या की, ऐसा परिवार वालों ने बताया है।