पूर्वी चम्पारण में विवाहित जोड़े के प्यार पर परिवार का पहरा पड़ गया है। अन्तर्जातीय विवाह करना एक दलित परिवार के लिए महंगा साबित हो रहा है। शादी के बाद से प्रेमिका के परिजनों के दबंगई के कारण पूरा परिवार घर छोड़कर विस्थापित जीवन जीने को मजबूर है।
जानकारी के मुताबिक जिले के कदमा गांव में प्रेमी जोड़ा घर से फरार होकर दिल्ली पहुंचे और 11 अप्रैल को शादी रचा ली। प्रेमिका के परिजनों ने प्रेमी पर बेटी के अपहरण करने का आरोप लगाते हुए राजेपुर थाना में मामला दर्ज कराया।
हालांकि प्रेमी जोड़े ने खुद को बालिग बताते हुए दिल्ली के न्यायालय में साक्ष्य पेश किया। साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने उन्हें स्वतंत्र जीवन जीने का आदेश जारी कर दिया है।
लड़की के परिजनों दी जान से मारने की धमकी
न्यायालय से प्रेमी-प्रेमिका को मिली अनुमति से बौखलाए परिजनों ने दबंगई शुरू कर दी। लड़की के परिजनों ने लड़के के परिवार वालों के साथ मारपीट की और घर में जमकर लूटपाट मचाया।
लड़की के परिजनों से परेशान परिवार विस्थापित की जिंदगी गुजारने को मजबूर हो गया है। लड़की वालों के दबंगई के कारण घर को छोड़ संबंधियों के यहां छुपकर रह रहे लड़के के परिजनों को अब जान से मारने की धमकी मिल रही है।
लड़के के परिजनों ने लगाई सुरक्षा की गुहार
परेशान परिजनों ने जिले के अधिकरियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री से भी सुरक्षा की गुहार लगाई है, लेकिन एक महीने से अधिक गुजर जाने के बाद भी आरोपियों पर कोई कारवाई नहीं हो सकी है। पुलिस की सुस्ती के कारण परिजन पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हैं और अपने लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
कैसे होगा कानून का पालन
सवाल ये है कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री समरस समाज बनाने के लिए अन्तर्जातीय विवाह और दहेजमुक्त शादी करने के लिए लोगों को जागरूक कर अनुदान दे रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार की पहल की पूर्वी चम्पारण में हवा निकल रही है। ऐसे में समरस समाज बनाने के लिए अन्तरजातीय विवाह को मान्यता देने वाली कानून का अनुपालन करने और ऐसा करने वालों को सुरक्षा देने की जरुरत है।
इनपुट: EENADUINDIA