जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद तनावग्रस्त वादी में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन अगले दो दिन सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ किसी बड़े आतंकी हमले की फिराक में है। कुछ रेडियो संदेश भी पकड़े गए हैं। इस साजिश को नाकाम बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो चुकी हैं। सभी संवेदनशील इलाकों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाया गया है।प्रशासन ने वादी में बीते आठ दिनों से जारी प्रशासनिक पाबंदियों को एहतियातन अगले दो दिनों तक जारी रखने का फैसला किया है।
 
हालांकि, पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी स्वतंत्रता दिवस के दौरान आतंकी खतरे को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन सुरक्षा कवायद को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति चुनौतीपूर्ण है। आतंकी कमांडर बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए कह रहे सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर को लेकर बीते एक सप्ताह के दौरान जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उससे आतंकियों के आका हताश हो चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान जिस तरह अलग थलग पड़ चुका है, उसे देखते हुए आइएसआइ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रही है। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।

कुछ रेडियो संदेश भी पकड़े गए हैं, जो इस बात का संकेत कर रहे हैं कि बीते एक सप्ताह से अपनी मांद में छिपे आतंकियों को गुलाम कश्मीर में बैठे उनके कमांडर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए लगातार कह रहे हैं। किसी जगह विशेष पर किसी वर्ग विशेष को बना सकते हैं निशाना सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारी ने बताया कि आतंकी अपनी उपस्थिति का अहसास कराने के लिए किसी सॉफ्ट टारगेट को चुन सकते हैं। वह किसी जगह बम विस्फोट या सुरक्षाबलों के कैंप पर हमला कर सकते हैं। किसी जगह विशेष पर किसी वर्ग विशेष को भी निशाना बना सकते हैं।
 
आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए मंगलवार को सुरक्षा व्यवस्था की नए सिरे से समीक्षा कर आवश्यक सुधार किए गए हैं। पिछले कुछ दिनों में एहतियात के तौर पर हिरासत में लिए गए शरारती तत्वों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों को पहले ईद के मद्देनजर छोड़ने का फैसला लिया गया था, जिसे कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। सभी अस्पतालों, सरकारी प्रतिष्ठानों, पुलिस थानों, सीआरपीएफ व सैन्य शिविरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हाईवे पर भी विशेष प्रबंध किए गए हैं।  आतंकग्रस्त इलाकों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा बढ़ाई आतंकी खतरे से निपटने के लिए चिह्नित स्थानों पर पुलिस, सीआरपीएफ और सेना के क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) के दस्ते भी तैनात किए गए हैं। डोडा, किश्तवाड़, राजौरी व पुंछ समेत राज्य के सभी आतंकग्रस्त इलाकों में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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