कतर ने एक बार फिर से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. कतर ने अपने सख्त व्यवहार का परिचय देते हुए संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में UAE के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. कतर ने यह कदम खाड़ी संकट के दौरान मानव अधिकारों के उल्लंघन करने के मामले में उठाया है. अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है.
क़तर ने हेग स्थित इंटरनैश्नल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में सोमवार को मुकदमा दायर किया. जिसमें यह कहा गया कि अबू धाबी ने क़तर और क़तरी नागरिकों के ख़िलाफ़ पक्षपाती रवैया अपनाया है. इस आरोप का आधार UAE से क़तरी नागरिकों निकालना और दोहा को उसके एयरस्पेस के इस्तेमाल से रोक देना बताया गया है.
इस संबंध में क़तर सरकार के तरफ से जारी स्टेटमेंट में यह कहा है, “क़तर की ओर से अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट में दायर की गयी अर्ज़ी में कहा गया है कि यूएई की इन कार्यवाहियों का क़तरी आवासियों और क़तरियों के मानवाधिकार पर बहुत बुरा असर पड़ा है.”
कतरी सरकार ने यह भी कहा, “जैसा कि कतर के आवेदन में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में विस्तार से बताया गया है, संयुक्त अरब अमीरात ने इन कार्रवाइयों का नेतृत्व किया, जिसने कतरियों के मानवाधिकारों और कतर के निवासियों पर विनाशकारी प्रभाव डाला है.”
मिडिल ईस्ट मॉनिटर के अनुसार इनमें संयुक्त अरब अमीरात से कतरियों को निष्कासित करना, उन्हें अमीरात में प्रवेश करने या गुजरने से रोकना और कतर में संयुक्त अरब अमीरात के हवाई अड्डे और बंदरगाहों को बंद करन के लेकर भी कतर UAE से काफी नाराज है.