कोविड-19 के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को देखते हुए पूर्व मध्य रेलवे एक बार फिर सतर्क हो गया है। बढ़े खतरे को देखते हुए रेलवे ने यह तय किया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रेलवे चिकित्सालयों में अनुभवी चिकित्सक, नर्स और पारामेडिकल स्टाफ 24 घंटे तैनात रहेंगे। मालूम हो कि कोविड-19 के मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे चिकित्सालयों में मेडिकल स्टाफ को नए वैरिएंट से संबंधित ताजा जानकारी से अपडेट कराते हुए विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। कोविड-19 से बचाव के लिए पूर्व मध्य रेल द्वारा अपने कर्मचारियों को कोविड के टीके लगवाने के लिए कई कदम उठाए गए। मालूम हो कि वर्तमान में पूर्व मध्य रेलवे के लगभग 80 हजार रेलकर्मियों में से 72 हजार से भी ज्यादा रेलकर्मियों को टीका लग चुका है।
बचाव की है पूरी तैयारी
टीके के अलावा पूर्व मध्य रेल द्वारा अपने कर्मचारियों को कोविड-19 से बचाव एवं आपात स्थित में चिकित्सा हेतु कई कदम उठाये गये हैं। इनमें कोविड-19 के मरीजों के इलाज हेतु 6 अस्पतालों को नामित किया गया है जहां उनका उचित देखभाल एवं इलाज किया जाता है। इन अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों हेतु कुल 206 बेड, जिनमें से आइसीयू के 30 वेड एवं नन आइसीयू के 176 वेड आरक्षित किये गये हैं। इसके साथ ही 27 इनवेसिव वेंटिलेटर एवं 83 नन इनवेसिव वेंटिलेटर भी लगाए गए हैं। अस्पतालों में इलाज हेतु जरूरी मेडिसिन, ऑक्सीजन कंसेनटेरटर, पीपीई किट, एन-95 मास्क आदि की उचित व्यवस्था की गयी है। इन अस्पतालों में छोटे बच्चों के इलाज हेतु भी जरूरी उपाय किये जा रहे हैं।
कोविड-19 की स्क्रीनिंग और जांच के लिए लगाए गए बूथ
पूर्व मध्य रेल के दानापुर, सोनपुर एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय मंडल रेल अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट कार्य करना प्रारंभ कर चुका है। जबकि केन्द्रीय सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल/पटना एवं मंडल रेल हॉस्पीटल, धनबाद तथा समस्तीपुर में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट के मशीन की स्थापना की जा रही है और जल्द ही ये कार्य करना प्रारंभ कर देगी। इसी कड़ी में राज्य सरकार द्वारा पूर्व मध्य रेल के कई स्टेशनों पर कोविड-19 की स्क्रीनिंग और जांच के लिए बूथ लगाए गये हैं।