गंगा नदी पर प्रस्तावित फोरलेन का निर्माण अक्टूबर में शुरू होगा। मंगलवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने (राष्ट्रीय राजमार्ग-131 बी) गंगा नदी से होकर निकलने वाले चार लेन पुल के निर्माण के संबंध में बंदरगाह, जहाजरानी व जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ दिल्ली में बैठक कर पुल के डिजाइन चर्चा की है।
नितिन गडकरी ने एनडब्ल्यू के जरिए कार्गो आवाजाही की भविष्य की क्षमता को ध्यान में रखते हुए पुल के डिजाइन पर चर्चा की। उन्होंने कहा, इससे एनडब्ल्यू के जरिये माल परिवहन वृद्धि सुनिश्चित होगी और साजो सामान को लाने ले जाने की लागत भी कम होगी। वैसे, विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल का लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) को फरवरी में टेंडर अवार्ड किया गया था। अक्टूबर में निर्माण शुरू होना है। 2025 तक निर्माण पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण ने दो पायों के बीच एक सौ मीटर का गैप होने की बात कही गई है ताकि प्रतावित कोलकाता से बनारस तक चलने वाले मालवाहक जहाज के चलने में समस्या खड़ी नहीं हो सके। इधर, पीपीपी मोड में बनने वाले इस पुल की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाली मुंबई की स्टूब रोडिक विथ मोनार्क कंपनी से मिट्टी की जांच भी कराई जा चुकी है। हालांकि निर्माण एजेंसी भी मिट्टी की अपने स्तर जांच कराएगी। पुल सहित पहुंच पथ के निर्माण पर 838 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 4.455 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण बरारी श्मशान घाट की ओर विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर बनेगा।
पुल की डिजाइन पर गडकरी ने जहाजरानी मंत्री से की मंत्रणा कार्गो की आवाजाही को लेकर हुई मशक्कत
- पुल की चौड़ाई : 29 मीटर
- लंबाई : 4.455 मीटर
- सड़क की लंबाई : 9.50 किमी.
- गंगा पर 120 मीटर बनेगा स्पेन