महिलाओं में वजन बढ़ने पर उनके स्तनों का आकार भी बढ़ने लगता है। चूंकि स्तन फैटी सेल्स से बने होते हैं इसलिए वजन बढ़ने के साथ उनका आकार भी बढ़ता है। ज्यादातर महिलाएं अपने शरीर में आए इस परिवर्तन को इग्नोर कर देती हैं या उन्हें पता नहीं चलता है। आमतौर पर महिलाओं को अंतःवस्त्रों की खरीददारी के दौरान ही ब्रेस्ट साइज के बढ़ने का पता चलता है। अगर यह बदलाव सामान्य है तो फिर कोई बात नहीं लेकिन अगर स्तनों का आकार असामान्य रूप से बढ़ने लगे तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
मासिक चक्र के दौरान अंडोत्सर्ग के बाद शरीर में प्रोजेस्टेरॉन और एस्ट्रोजन हार्मोन्स का स्तर बढ़ने की वजह से महिलाओं के स्तन न सिर्फ अचानक से बड़े होने लगते हैं बल्कि इस वजह से वह बहुत नाजुक भी हो जाते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस वजह से भी स्तनों के आकार में अचानक वृद्धि देखी जाती है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के स्तनों के ऊतको में रक्त प्रवाह बढ़ जाता है। इस वजह से भी स्तनों का आकार बढ़ जाता है।
वजन बढ़ने की वजह से स्तनों के आकार में वृद्धि होना सामान्य लक्षण है। दरअसल स्तन, स्तन ऊतकों, नलिकाओं, लोब्यूल्स और फैट टिश्यूज से मिलकर बना होता है। ऐसे में जब भी शरीर का वजन बढ़ता है स्तनों का आकार भी बढ़ता है।
- शारीरिक संबंध बनाने तथा फोरप्ले की वजह से भी स्तनों के आकार में वृद्धि होती है।
- गर्भ निरोधक दवाओं में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो स्तनों के आकार को बढ़ाने का काम करते हैं।
- स्तनों में गांठ होने की वजह से भी स्तनों का आकार बढ़ जाता है। इससे निजात पाने के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है।