देश और बिहार की सत्ता में बनी हुई NDA के लिए मौजूदा समय काफी कठिन दौर से गुजर रहा है. दुसरे दलों के टूटने का दावा करने वाली NDA खुद ही टूटने के कगार पर आ गई है. बिहार में उपचुनाव के साथ ही NDA फुट के संकेत मिलने लगे. इसी बीच NDA के एक दिग्गज नेता ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजग को आठ अप्रैल तक का समय दिया है. जिसे नहीं माने जाने पर वो और उनकी पार्टी से NDA से अलग हो जाएगी.

बता दें कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों पर अनदेखी का आरोप लगा चुके राजग प्रमुख सहयोगी हम के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा कदम उठाने के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जनहित में उनकी सरकार ने 34 महत्वपूर्ण फैसले लिए थे. उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद दो-दो बार नई सरकार बनी, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 34 फैसले को हूबहू लागू नहीं किया है. यदि आठ अप्रैल 2018 से पहले सभी फैसले लागू नहीं होते हैं, तब वे एनडीए में बने रहने पर पुनर्विचार करेंगे.

मांझी ने सीएम नीतीश पर बरसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी के दवाब में काम कर रहे हैं. गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, छात्र-छात्राओं और देश के भविष्य की अनदेखी कर रहे हैं. अनुबंध पर काम करने वाले कर्मियों को सामान काम के लिए सामान वेतन नहीं मिल रहा है. हमने कहा था कि लड़की के कॉलेज (डिग्री) तक की पढाई निश्शुल्क करेंगे, लेकिन, आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश के भविष्य छात्र-छात्राओं को कर्ज लेने की आदत डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र लाओ नौकरी पाओ का निर्णय गलत था. इससे गरीब के बच्चे प्रभावित हुए और उन्हें नौकरी नहीं मिली.

मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यकाल में जनहित में उनकी सरकार ने 34 महत्वपूर्ण फैसले लिए थे. उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद दो-दो बार नई सरकार बनी, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 34 फैसले को हूबहू लागू नहीं किया है. यदि आठ अप्रैल 2018 से पहले सभी फैसले लागू नहीं होते हैं, तब वे एनडीए में बने रहने पर पुनर्विचार करेंगे. मांझी गुरुवार ने उक्त बातें त्रिवेणी सिंह बालिका उच्च विद्यालय मुजफरा कमतौल में गरीब चेतना रैली को संबोधित करने के दौरान कही.