कोरोना महामारी के चलते अर्थव्यवस्था पर पड़ी बड़ी चोट के बावजूद केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को बोनस देने का एलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी की बैठक में 30.67 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को 3,737 करोड़ रुपये बोनस देने का फैसला किया गया। तत्काल प्रभाव से सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में बोनस की रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है। इस फैसले से अर्थव्यवस्था की सेहत में सुधार की उम्मीद है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (पीएलबी) के तहत रेलवे, डाक, सुरक्षा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआइसी) जैसे विभागों के 16.97 लाख अराजपत्रित कर्मचारियों को बोनस दिए जाएंगे। इससे सरकारी खजाने पर 2,791 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा। वहीं, केंद्र सरकार के 13.70 लाख कर्मचारियों को गैर पीएलबी या तदर्थ बोनस के रूप में 946 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। कुल मिलाकर सरकारी खजाने पर 3,737 करोड़ रुपये का बोझ आएगा, जिससे 30.67 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
जावडेकर ने कहा कि बोनस का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा और दशहरा से पहले यह भुगतान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से मध्यम वर्ग के हाथ में पैसे आएंगे और बाजार में मांग बढ़ेगी।
त्योहारी एडवांस की हुई थी घोषणा: 10-हज़ार तक की घोषणा
हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लीव ट्रेवल कन्सेशन (एलटीसी) स्कीम व 10,000 रुपये के त्योहारी एडवांस की भी घोषणा की थी। इससे अर्थव्यवस्था में 73,000 करोड़ की मांग के सृजन का अनुमान लगाया गया है। 10,000 रुपये के त्योहारी एडवांस सभी राजपत्रित और अराजपत्रित कर्मचारियों को रुपे कार्ड के रूप में दिए जाएंगे। आगामी 31 मार्च तक इस कार्ड से खरीदारी संभव हो सकेगी और 10 किस्तों में कर्मचारी इस रकम को लौटा सकते हैं। वहीं, एलटीसी स्कीम के तहत कर्मचारी 12 फीसद या इससे अधिक जीएसटी दर पर बिकने वाले सामान की खरीदारी कर सकते हैं।