नेशनल हाईवे पर इस साल एक अप्रैल से यात्रा करने पर जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल की दरों में 5 फीसदी की बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। वहीं, मासिक पास की कीमत में भी 10 से 20 रुपये बढ़ाए जा सकते हैं।
एनएचएआई हर वित्त वर्ष में टोल टैक्स बढ़ाता है। FASTag (फास्टैग) अनिवार्यता के बाद टोल टैक्स में बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्टरों के साथ-साथ आम लोगों पर भी बोझ बढ़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर में कम से कम तीन टोल प्लाजा पर 5 से 30 रुपये की बढ़ोतरी की उम्मीद है। एक विभागीय अधिकारी के नयनसार, तेनुआ और शेरपुर चमराह के टोल संग्रह के आधार पर टोल बढ़ोतरी के बारे में एक प्रस्ताव भेजने की उम्मीद है। इसके साथ ही, नियमित यात्रियों को भी बढ़े हुए टोल के बोझ का सामना करने की संभावना है। माना जा रहा है कि मासिक टोल में भी 10 से 20 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है।
एनएचएआई गोरखपुर जोन के परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी का कहना है कि हर वित्तीय वर्ष में टोल टैक्स बढ़ता है। नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। टोल की दरों में इजाफे का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जा रहा है।
FASTag इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली काफी हद तक टोल प्लाजा पर वेटिंग पीरियड को कम करने का वादा करती है। यही नहीं फास्टैग से ईंधन की खपत के भी काफी हद तक कम होने की उम्मीद है। हाल ही में, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अनुमान लगाया था कि यदि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा के लिए सभी वाहन FASTag का इस्तेमाल करना शुरू करते हैं, तो भारत हर साल पेट्रोल और डीजल पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत कर सकता है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गडकरी के हवाले से कहा गया, “इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए FASTags को अनिवार्य बनाए जाने के बाद टोल प्लाजा पर होने वाली देरी में काफी कमी आई है। इससे ईंधन की लागत पर प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।”
16 फरवरी से सभी वाहनों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग टोल प्लाजा पर यूजर फीस का भुगतान करने के लिए FASTag को अनिवार्य कर दिया गया था। तब से, इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से टोल संग्रह में कई गुना वृद्धि देखी गई है। एनएचएआई के अनुसार, फास्टैग ने अपने रोजाना टोल संग्रह को 104 करोड़ रुपये तक पहुंचाने में मदद की है।