एक खिलाड़ी तब तक नहीं हारता है जबतक की वह खुद से हार नहीं मान लें। भारत में ऐसे कई खिलाड़ी हुए हैं जिन्होंने हारकर भी अपने दर्शकों का दिल जीत लिया है। उन्हीं में से एक खिलाड़ी हैं सतीश कुमार भी हैं। जिन्होंने हारकर भी एक इतिहास रच दिया है। पूरी दुनिया उनके जज्बे को सलाम कर रहा है।
सतीश के हौसले कितने बुलंद हैं इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्हें सात टाके लगे थे इस बाबजूद भी उन्होंने रिंग में कूदकर अपने प्रतिद्वंदी से तगड़ा मुकाबला किया। सतीश प्री क्वार्टर मैच में इंजर्ड हो गए इसके बाबजूद उन्होंने रिंग में उतरकर बख़ोदिर जालोलोव के साथ बॉक्सिंग का क्वार्टर फाइनल मैच खेला। जिसमें सतीश को जालोलोव के हाथों 0-5 से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन फिर भी उन्होंने सभी का दिल जीत लिया।
सतीश ने जमैका के रिकार्डो ब्राउन के साथ प्री क्वार्टर मैच खेला  था।  इसी मैच के दौरान उनके चेहरे पर दो कट लगे थे। वहीं जालोलोव के साथ हुए मुकाबले में उन्होंने अपना पूरा दमखम लगा दिया। इस मैच तीसरे राउंड में माथे पर लगा घाव खुल गया, लेकिन फिर भी सतीश ने हार नहीं मानी और रिंग फाइट कंटीन्यू रखा।
सतीश के प्रदर्शन जालोलोव भी प्रभावित हुए। उन्होंने मैच के बाद 32 वर्षीय सतीश की बहादुरी की तारीफ भी की। फुटबॉलर से बॉक्सर बने जालोलोव  तीन बार के एशियाई चैम्पिन हैं, वहीं सतीश भारत के पहले ऐसे मुक्केबाज हैं जिन्होंने सुपर हैवीवेट मैच में क्वालीफाई किया है।

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