सृजन घोटाले की जांच के दौरान सीबीआइ को कई चौंकाने वाले तथ्य मिल रहे हैं। सरकारी खजाने में सेंधमारी कर व्यवसायियों व प्रशासनिक अधिकारियों ने खूब मस्ती भी की है। इस घोटाले का मास्टरमाइंड चार बार थाइलैंड का दौरा कर चुका है। एक दौरे में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी व वरीय पुलिस अधीक्षक भी शामिल थे। थाइलैंड घूमने के दौरान इनके साथ एक महिला भी शामिल थी।
 
अधिकारियों की मौज-मस्ती की व्यवस्था सृजन घोटाले की राशि से की गई थी। थाइलैंड दौरे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। सीबीआइ ने एक आइएएस की संलिप्तता को जानने के बाद उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा है, लेकिन अभी वे पकड़ से बाहर हैं। आइपीएस अधिकारी से सीबीआइ ने थाइलैंड दौरे के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है। उनसे यह भी सवाल पूछा गया है कि उनके थाइलैंड दौरे का उद्देश्य क्या था? थाइलैंड दौरे की व्यवस्था किसने की थी? यह दौरा कितने दिनों का था? दौरे के दौरान उनके साथ कौन-कौन लोग थे? सीबीआइ के सवालों ने संबंधित आइपीएस अधिकारी की नींद हराम कर दी है। बताया जाता है कि शहर के एक बहुचर्चित व्यवसायी ने अधिकारियों के लिए इस दौरे की व्यवस्था की थी।
 
इस दौरे पर लाखों रुपये खर्च किए गए थे। बाद में वह व्यवसायी अपना कारोबार समेट कर शहर से बाहर चला गया। थाइलैंड दौरे से पूर्व सीबीआइ को जांच के दौरान यह भी पता लगा था कि कोलकाता के सोनागाछी से 17 सेक्स वर्करों को बुलाकर मनरंजन किया गया था। सभी के खाते में सृजन से राशि का भुगतान किया गया था। घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ सीबीआइ और ईडी ने कार्रवाई तेज कर दी है। पिछले एक पखवाड़े के दौरान सृजन घोटाले में किसी ना किसी रूप से शामिल तीन लोगों को ईडी और सीबीआइ गिरफ्तार कर चुकी है। संभव है, थाइलैंड दौरे की पूछताछ होने के बाद आइएएस व आइपीएस अधिकारी पर भी कार्रवाई हो।
 
 

सृजन के पैसे से थाइलैंड में मस्ती

सरकारी राशि घोटाला मामले में तत्कालीन एसएसपी मनोज कुमार के निर्देश पर बैंक आफ बड़ौदा के स्केल-टू अफसर अतुल रमन को अगस्त 2017 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। उस समय अतुल ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि उसे मजबूरीवश अपने उच्चाधिकारियों के दबाव में आकर सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव मनोरमा देवी का साथ देना पड़ा। उसने जानबूझकर गलत काम नहीं किया।

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