आप खुद को सबसे ज्यादा जवान और खूबसूरत तो देखना ही चाहते है। हालांकि उम्र के साथ-साथ आपकी खूबसूरती भी खत्म हो जाती है। लेकिन पाकिस्तान में एक ऐसी जगह है। जहां पर महिलाएं 80 साल की उम्र में भी जवान नजर आती हैं। पाकिस्तान के हुंजा वैली की महिलाओं को दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक माना जाता है। इतना ही नहीं, यह भी दावा किया जाता है कि यहां की महिलाएं 65 साल की उम्र में भी मां बन सकती हैं। जानें इनकी डाइट और लाइफस्टाइल के बारे में।

मशहूर अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन फोर्ब्स ने हुंजा वैली को साल 2019 के सबसे कूलेस्ट प्लेस टू विजिट की लिस्ट में शामिल किया है, ये इलाका जितना सुंदर है उतना ही सेहतमंद भी है, यहां के लोग औसतन 100 साल से ज्यादा जीते हैं। यहां के लोग बीमार कम ही पड़ते हैं, हुंजा वैली में ज्यादा उम्र की बात सबसे पहले तब सामने आई थी जब साल 1984 में ब्रिटेन ने एक हुंजा व्यक्ति को वीजा देने से इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि पासपोर्ट पर उसकी पैदाइश 1832 लिखी हुई थी

हुंजा वैली में लोगों की स्वस्थ जिंदगी के बारे में विदेशी लेखक कई किताबें लिख चुके हैं। जिनमें जेआई रोडाल की ‘द हेल्दी हुंजास’ और डॉ. जो क्लार्क की ‘द लोस्ट किंगडम ऑफ द हिमालयाज’ सबसे ज्यादा फेमस हैं। वहीं मध्य यूरोपीय देश स्लोवेनिया के साइंटिस्ट और लेखक डॉक्टर इजतोक ओस्तन ने हुंजा वैली के पानी पर रिसर्च की और बताया हुंजा वैली में ग्लेशियर से पिघलकर आने वाले पानी में बहुत ज्यादा मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। जो प्राकृतिक रूप से जीने वाले हुंजा जनजाति के लोगों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

कश्मीर का हिस्सा रह चुकी हुंजा वैली किसी जन्नत से कम नहीं, खूबसूरत वादियां देख हो जाएगे मंत्रमुग्ध डॉक्टर पी जी फ्लेनागन ने इस पानी में मिलने वाले मिनरल्स से पॉउडर बनाया और उसको नॉर्मल पानी में मिलाया गया और वो एक जीवन देने वाला पानी बन गया। जैसा कि हुंजा वैली में होता है। कहा जाता है कि हुंजा वैली में लोग बुढ़ापे में भी जवान दिखते हैं, तो इसकी एक और बड़ी वजह यहां के लोगों का रहन सहन है. ये लोग बहुत ही सादा जीवन जीते हैं जैसा कि उनके पूर्वज लगातार जीते आ रहे हैं। ये लोग सुबह सूरज से पहले उठते हैं और रात को जल्दी ही सो जाते हैं.।

हुंजा वैली में लोग बूढ़े क्यों नहीं होते ? हुंजा वैली में लोगों का लाइफस्टाइल बेहद सादा है, ये लोग सुबह 5 बजे उठ जाते हैं, पैदल बहुत ज्यादा घूमते हैं, औरतें बूढ़ी होने पर भी जवान दिखती हैं. मर्द 80 साल की उम्र में भी पिता बन सकते हैं, महिलाएं 60 साल की उम्र में भी मां बन सकती हैं, दुनिया की कुछ जगहें ब्लू जोन कहलाती हैं, जहां लाइफ एक्सपेक्टेंसी बहुत ज्यादा होती है। हुंजा वैली उसी ब्लू जोन में शामिल है।

हुंजा वैली के लोग खाने-पीने में नेचुरल चीजों को ज्यादा अहमियत देते हैं। हुंजा के लोग ज्यादातर ताजा फल और सब्जियां खाते हैं। चीन से बनी चीजों का इस्तेमाल बेहद कम किया जाता है। सूखे मेवे खानों में इस्तेमाल होते हैं। क्या खाते हैं हुंजा वैली के लोग? हुंजा वैली के लोग दिन में दो बार खाना खाते हैं, एक बार दोपहर में, दूसरी बार रात को, खेती के दौरान कैमिकल इस्तेमाल पर बैन है, खासतौर पर सूखे मेवे, या मेवे से बने पेय पदार्थ लेते हैं, जौ, बाजरा, कुट्टू और गेहूं खाते हैं, हुंजा के लोग खूबानी भी खूब खाते हैं, किसी खास मौके पर ही नॉन वेज बनाया जाता है, हूंजा वैली में कभी नहीं हुआ किसी को कैंसर!

कहा जा रहा है कि हुंजा वैली के लोगों ने कैंसर जैसी बीमारी का नाम अबतक नहीं सुना है, क्योंकि यहां के लोगों को कैंसर नहीं होता, हुंजा वैली में लोग खाने में अखरोट का इस्तेमाल खूब करते हैं, धूप में सुखाए गए अखरोट में विटामिन बी-17 पाया जाता है जो शरीर के अंदर मौजूद एंटी कैंसर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है।कहा तो यहां तक जाता है कि हुंजा की खूबसूरती और स्वस्थ आबो हवा यूनान के राजा सिकंदर को भी यहां खींच लाई थी।

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