बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections) के नतीजों को देखने के बाद जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे वैसा ही कुछ अब देखने को भी मिलने लगा है. बिहार (Bihar) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर बीजेपी (BJP) अभी से दबाव बनाने लगी है.
बीजेपी चाहती है कि सूबे के मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही रहें लेकिन सत्ता की बागडोर उसके हाथों में रहे. इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि नीतीश कुमार ने अपने पिछले कार्यकाल में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की थी. ऐसे में उम्मीद थी कि अगर नीतीश कुमार फिर से सत्ता में आते हैं तो सरकार का ये फैसला आगे भी लागू रहेगा लेकिन नीतीश कुमार पर बीजेपी के सांसदों ने अभी से इस फैसले को वापस लेने की मांग करनी शुरू कर दी है.
झारखंड की गोड्डा सीट से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार से शराब बंदी कानून में कुछ संशोधन करने की मांग की है. निशिकांत दुबे ने ट्विटर पर लिखा, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से आग्रह है कि शराब बंदी में कुछ संशोधन करें, क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल, बंगाल, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं. इससे राजस्व की हानि, होटल उद्योग प्रभावित और पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं.’
बिहार के मुख्यमंत्री @NitishKumar जी से आग्रह है कि शराब बंदी में कुछ संशोधन करें,क्योंकि जिनको पीना या पिलाना है वे नेपाल,बंगाल,झारखंड,उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ का रास्ता अपनाते हैं,इससे राजस्व की हानि,होटल उद्योग प्रभावित तथा पुलिस, एक्साइज भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 13, 2020
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज्य में शराबबंदी एक बड़ा मुद्दा था. लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा था कि शराबबंदी के कारण बिहार के बेरोजगार युवा शराब तस्कर बन गए हैं. उन्होंने नीतीश कुमार और उनके मंत्रियों पर आरोप लगाया कि सभी लोग अच्छी तरह जानते हैं कि बिहार में शराब बंदी के बाद से क्या स्थिति हुई है.