एक गरीब परिवार से आने वाली 26 वर्षीय परवीन रानी एजेंट के जरिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गई थी लेकिन पैसा कमाना तो दूर वहां उसे धोखेबाज एजेंट ने मस्कट ले जाकर एक पशुपालक शेख के हाथ बेच दिया। 9 माह बाद मुश्किल से वहां से जान छुड़ाकर भागी तो सरबत दा भला चेरिटेबल ट्रस्ट के डॉ. एसपी सिंह ओबेराय के संपर्क में आई और उन्होंने इसे वापस भेजा। इसके लिए डॉ. ओबेराय ने शेख को मोटी रकम चुकाई। फिर अपने ही पैसे से घर भेजा।

नौकरी दिलाने के बदले बेचा
सोमवार को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरी परवीन को लेने मां-बाप तथा बड़ी बहन कंवलजीत कौर तथा जीजा हरपाल सिंह पहुंचे थे। मां को देखते ही परवीन उनसे लिपटकर रोने लगी। दो बहनों में छोटी परवीन घर की हालत सुधारने के लिए जालंधर के एक ट्रेवल एजेंट के जरिए यूएई गई थी। पैसे लेकर एजेंट ने भरोसा दिया था कि उसे जाते ही काम मिल जाएगा।

नहीं भूलेगा 9 महीने का नर्क
परवीन ने बताया, यूएई पहुंचने के बाद एजेंट ने उसे मस्कट के पशुपालक शेख को बेच दिया। सुबह से रात तक काम करवाता था। आराम करती तो बुरी तरह से मारा-पीटा जाता और बंदूक दिखाकर जान से मारने की धमकी दी जाती। ये नर्क वाले दिन कभी नहीं भूलेंगे।

बेटियों को न भेजें परदेस
परवीन ने आपबीती सुनाते हुए लोगों से अपील की कि वह एजेंटों के बहकावे में बेटियों को खाड़ी देशों में न भेजें। यह लोग उनको बेच देते हैं, जहां जलालत भरी जिंदगी जीनी पड़ती है। उसने सूबा सरकार से मांग की है कि ट्रेवल एजेंट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
इनपुट: DBC

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