लेख से पहले भारत सरकार और भारतीय मिडिद्या से बड़ा सवाल, “जनाब जब भारत के हर नागरिक इस फ़ैसले से ख़ुश झाईं तो हालात के ऊपर झूठा बयान और मीडिया असल मामलों को क्यूँ छुपा रही हैं ?”
भारत प्रशासित कश्मीर में अनुच्छेद 370 को ख़त्म किए जाने के बाद घाटी में तनावपूर्ण माहौल और सुरक्षाबलों की भारी तैनाती के बीच शुक्रवार को श्रीनगर के सौरा इलाके में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ है.
भारत सरकार का दावा है कि ऐसा कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ, लेकिन बीबीसी के एक्सक्लूसिव वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया.
जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने की भारत सरकार की घोषणा के बाद कश्मीर घाटी में अभूतपूर्व तनाव है.
शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों में हुई झड़प में घायल हुए लोगों की संख्या के बारे में सटीक जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार का दावा है कि छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिनमें बहुत कम लोग शामिल हुए हैं.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट करके कहा है, ”पहले रॉयटर्स और फिर डॉन में एक न्यूज़ रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें बताया गया है कि श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें दस हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया. यह पूरी तरह से मनगढ़त और गलत समाचार हैं. श्रीनगर/बारामूला में कुछ छोटे मोटे विरोध प्रदर्शन हुए हैं लेकिन उनमें 20 से ज़्यादा लोग शामिल नहीं हुए थे.”
A news report originally published in Reuters and appeared in Dawn claims there was a protest involving 10000 people in Srinagar.
This is completely fabricated & incorrect. There have been a few stray protests in Srinagar/Baramulla and none involved a crowd of more than 20 ppl.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) August 10, 2019
घाटी में तनाव
भारत प्रशासित कश्मीर में मौजूद बीबीसी संवाददाता आमिर पीरज़ादा ने बताया है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद पूरी घाटी में हालात सामान्य ज़रूर बने हुए थे, लेकिन कुछ जगहों से पत्थरबाज़ी की घटनाएं भी सुनने को मिली.
आमिर पीरज़ादा ने बताया कि श्रीनगर के सौरा में शुक्रवार को एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ, हज़ारों लोग सड़कों पर उतरे. इस विरोध प्रदर्शन के चश्मदीदों ने बताया कि यह एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन था, लेकिन जैसे ही सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों के सामने आए तो उनके बीच झड़प हो गई.
चश्मदीदों ने बीबीसी संवाददाता को बताया कि सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया.
वीडियो में गोलियां चलने की आवाज़ साफ़ सुनी जा सकती है.
शनिवार को बीबीसी संवाददाता ने सौरा जाने की कोशिश की, लेकिन वहां तक नहीं पहुंच सके. सौरा की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद किए गए थे. स्थानीय मीडिया में कुछ लोगों के घायल होने की ख़बर है लेकिन बीबीसी इसकी पुष्टि नहीं कर सका.
बीबीसी संवाददाता आमिर पीरजादा ने बताया कि शनिवार को भारत प्रशासित कश्मीर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू में थोड़ी ढील दी गई, जिसका असर यह है कि सड़कों पर कुछ गाड़ियां चलती हुई देखी गईं, साथ ही कुछ दुकाने भी खुलीं.
माना जा रहा है कि यह ढील ईद के मद्देनज़र दी गई है. 12 अगस्त को ईद मनाई जाएगी.
भारत सरकार का बड़ा फ़ैसला
- बीते सोमवार को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था.
- इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य के दो हिस्से कर उसे जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया. इन दोनों क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.
- संसद में इस फै़सले से पहले जम्मू कश्मीर के बड़े नेताओं को नज़रबंद कर दिया गया था.
- इन नेताओं में राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्लाह शामिल हैं. इन दोनों ही नेताओं को अभी भी हिरासत में रखा गया है.
- पूरे जम्मू कश्मीर में इस वक़्त भारी सुरक्षाबल मौजूद है, यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी अपनी पूरी टीम के साथ श्रीनगर में हैं.