दुबई में एक भारतवंशी चिकित्सक को फर्जी डिग्री मामले में दोषी पाया गया है. भारतीय मूल की कनाडा वासी चर्म रोग चिकित्सक पर फर्जी डिग्री बनाने व नकली डिप्लोमा सहित कई अन्य फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था, जोकि सच साबित हुआ. यह काम एक महिला ने किया है जिसे छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है और उसपर जुर्माना लगाया गया है. साथ ही सजा पूरी होने के बाद उसे देश से निकाल भी दिया जाएगा.

खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लोक अभियोजन के रिकॉर्ड से पता चलता है कि 38 साल की महिला ने अपने आवेदन में गलत सूचना देकर चर्मरोग विशेषज्ञ के रूप में कार्य करने का लाइसेंस बनवाने में सफल रही. महिला ने प्रैक्टिस की इजाजत के लिए आवेदन में सामान्य चिकित्सा डिग्री व डिप्लोमा में विशेषज्ञता की फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया. रिकॉर्ड के अनुसार, अभियुक्त ने डाटा व सूचना की पुष्टि करने वाली विशेषज्ञ कंपनी को भी अपने दस्तावेजों की जांच प्रक्रिया को जल्द करने की धमकी दी थी.

महिला ने कंपनी से कहा था कि अगर परिणाम सकारात्मक नहीं रहा तो कंपनी बंद हो जाएगी. निचली अदालत पहले ही महिला को गलत तरीके से लाइसेंस हासिल करने व चिकित्सा प्रैक्टिस करने को लेकर दोषी करार दे चुकी है. अदालत ने महिला को छह महीने जेल व उसके बाद निर्वासन का आदेश दिया है. उसपर 2,00,000 दिरहम जुर्माना भी लगाया गया है.

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