भारतीय लोगों को आसानी से और जल्दी से वीजा मिल सके इसके लिए वीजा के नियमों को बदल कर उन्हें सरल बनाया जा रहा है. 450 सदस्यों वाले रूसी संसद के निचले सदन के 428 सदस्यों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया. पिछले साल की 21 तारीख को दिल्ली में दोनों देशों की सरकारों के बीच एक दूसरे के नागरिकों को आसानी से वीजा देने के लिए समझौता हुआ था.
 
संसद में प्रस्ताव पेश करते हुए रूस के विदेश मंत्री एलेक्सेइ बोरोदावकिन ने कहा, “इस समझौते का मकसद दोनों देशों के रिश्तों के कानूनी आधार को कुछ खास तरह के नागरिकों की आवाजाही को सरल बना कर मजबूत करना है. सबसे पहले इसमें कारोबार, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक कार्यकर्ता, छात्र और सैलानियों को शामिल किया गया है.”
 
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क्या होगा फायदा
निचले सदन से तो इसे मंजूरी मिल ही गई है, यहां से अब इसे ऊपरी सदन में भेजा जाएगा. ऊपरी सदन फेडरेशन काउंसिल की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव इस पर दस्तखत करेंगे और तब यह कानून बन जाएगा. इसके लागू होते ही भारतीय नागरिकों को रूस की यात्रा करने के लिए किसी निमंत्रण या फिर टूरिस्ट वाउचर की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके बाद वीजा के लिए सीधे आवेदन किया जा सकेगा.
 
इसी साल अगस्त में प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता वाली रूसी कैबिनेट ने भारत और रूस के बीच हुए करार को मंजूरी दी थी. इसके बाद कारोबार और सैर के लिए आने वाले लोगों को वीजा देने की प्रक्रिया आसान बनाने का प्रस्ताव संसद के पास भेजा गया.
 
दोनों देशों के बीच हुए करार के मुताबिक दोनों देशों के नागिरक एक दूसरे के देश में पहली बार घुसने के 180 दिन के भीतर 90 दिन तक रह सकते हैं. सोवियत संघ के विघटन के बाद पहली बार दोनों देश कई बार प्रवेश वाले वीजा को भी लागू करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं. यह वीजा पांच साल तक के लिए मान्य होगा. इसके लिए नागरिकों को कुछ खास शर्तों को मानना होगा.
 
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भारत का एलान
इसी साल जून में भारत ने वीजा लागू करने के मामले को सरल बनाने की दिशा में खुद आगे बढ़ कर कारोबार और सैर के लिए भारत आने वाले रूसी नागरिकों के लिए वीजा शर्तों में छूट का एलान कर दिया. रूस में भारत के राजदूत अजय मल्होत्रा ने बताया, “भारत और रूस के बीच कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम कई बार प्रवेश वाले वीजा जारी कर रहे हैं जो एक साल तक के लिए मान्य हैं. पहले छह महीने का ही वीजा जारी होता था जिसमें एक या दो बार प्रवेश करने की सुविधा होती थी. कई बार प्रवेश वाला पर्यटकों का वीजा भी बस छह महीने के लिए ही जारी होता था.”
 

 
मॉस्को, सेंट पीटर्सबर्ग और वल्दिवोस्तोक में भारतीय राजनयिक मिशनों ने कारोबारियों और सैलानियों के लिए वीजा जारी करने में लगने वाला कम से कम समय भी पहले के 14 दिन से घटा कर तीन दिन कर दिया है.
 
भारतीय राजदूत मल्होत्रा ने बताया कि पिछले साल रूस में भरातीय मिशन ने एक लाख 10 हजार रूसी नागरिकों को भारत का वीजा दिया. अजय मल्होत्रा ने कहा, “मैं इस साल इस संख्या के 25 फीसदी बढ़ने की उम्मीद कर रहा हूं.”
 
पिछले कुछ सालों में रूस से भारत आने वाले सैलानियों की संख्या काफी बढ़ी है. गोवा, दिल्ली, आगरा, जयपुर, मुंबई और कुल्लू मनाली रूसी सैलानियों को अपनी ओर खींचने में खूब कामयाब हुए हैं.

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