बठिंडा.‘मुझे बताया गया था कि दुबई में एक परिवार में बच्चों को संभालना और घर का छोटा-मोटा काम देखना है लेकिन पहले तो एजेंटों ने दुबई की जगह मस्कट भेज दिया। यहां उसे एजेंटों ने एक शेख को बेच दिया । जिसके घर में 18 के करीब मेंबर थे। उससे सभी का खाना बनवाया जाता था,जबर्दस्ती गोश्त भी कटवाया और बनवाया जाता था।
 

 
जब उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो शेख ने उससे जबरन काम करवाना शुरू कर दिया और खाना देना बंद कर दिया। उससे काम करवाकर एक कमरे में बंद कर दिया जाता था और अमानवीय यातनाएं दी जातीं। उसे हुक्के में तंबाकू के लिए प्रयोग किए गए कोयले जलने के बाद खाने को दिए जाते थे। 38 दिनों तक वह कोयलों के साथ पानी पीकर जिंदा रही।’ यह आपबीती बठिंडा के गांव जस्सीपौवाली की रहने वाली बलजीत कौर ने बयां की।
 
 
बलजीत कौर ने बताया, उसने 38 दिन किस तरह काटे वह ही जानती है। शेख की मां जिसे सभी अम्मा कहकर बुलाते थे वह और उसका बेटा शेख जिसने उसे खरीदा था, दोनों उसे प्रेस से दागते थे। बता दें कि दुबई के मस्कट में बंधुआ मजदूर बनकर रही बलजीत को दो दिन पहले ही बठिंडा पुलिस ने एजेंटों पर शिकंजा कसते हुए रिहा करवाया है।
 
 
 
दो एजेंटों समेत 5 पर केस, आरोपियों की तलाश में रेड
इस मामले में दो एजेंटों व एक महिला समेत पांच लोगों के खिलाफ थाना कोटफत्ता की पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। एएसआई जगदीप सिंह ने बताया कि आरोपियों की पहचान गांव चोटियां निवासी काला सिंह, लुधियाना निवासी राजेश मास्टर, उसकी पत्नी छिंदर कौर, बिट्टू तथा नई दिल्ली निवासी अकरम के रूप में हुई। पुलिस को बलजीत कौर ने बताया कि काला सिंह उसका भतीजा है।
 
 
 
उसी ने उसे आरोपियों से मिलकर शेख को बेच दिया। बलजीत कौर की घर वापसी में अहम रोल अदा करने वाली वर्ल्ड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन फोर्स की जिला प्रधान नगीना बेगम ने एसएसपी बठिंडा से मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए ताकि बलजीत कौर को इंसाफ मिल सके। एसएसपी नवीन सिंगला का कहना था कि पुलिस की टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार रेड कर रही हैं।
 
 
 
परिवार की गरीबी दूर करना चाहती थी
बलजीत कौर ने बताया कि गांव में वह अपने पति के साथ लकड़ी का काम करती थी। घर की गरीबी दूर करने के लिए उसकी इच्छा विदेश में काम करने की थी। उसके रिश्तेदार ने अपने दो अन्य साथियों की मदद से उसे वर्क परमिट पर दुबई भेजने का झांसा दिया। उन्होंने बताया कि एक लाख रुपये में दो साल का वर्क परमिट वीजा मिल जाएगा। वीजा मिलने के बाद आरोपियों ने 3 मार्च को बलजीत को दिल्ली एयरपोर्ट से हवाई जहाज में बैठा दिया। एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उसे पता चला कि वो दुबई नहीं बल्कि मस्कट पहुंच चुकी है। वहां उसे लेने आए लोगों ने उसे बताया कि उन्होंने एजेंटों से उसे नौकरानी के तौर पर खरीदा है।
 
 
बलजीत के विरोध करने पर उसे एक मकान में बंद कर दिया गया। उसे बुरी तरह से टार्चर किया गया। मौका पाकर बलजीत ने अपने फोन से वायस रिकार्डिंग भेज दी। जब तक उसका फोन छीना जाता तब तक रिकार्डिंग उसके पति गुरजंट सिंह के पास पहुंच चुकी थी। मामले का पता चलते ही गुरजंट ने एसएसपी नवीन सिंगला को जानकारी दी। एसएसपी ने तुरंत एक्शन लेते हुए एक टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए। टीम ने एजेंटों व बलजीत के रिश्तेदारों पर शिकंजा कसा तो उन लोगों ने आनन फानन में मंगलवार रात की फ्लाइट से बलजीत को वापस बुला लिया।

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