सऊदी में कमाने गये भारत के कई मजदूरों के लिए वहां आफत आन पड़ी है, जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने दुःख को व्यक्त किया है. जानकारी के अनुसार 41 भारतीय मजदूर सऊदी अरब के रियाद शहर में फंसे हुए हैं. जिन्हें पिछले आठ महीने से वहां बिना मजदूरी के काम करवाया जा रहा है. जबकि उन्हें पुरे दिन में एक ही बार खाना भी दिया जा रहा है. सभी ने वीडियो-फोटो के जरिये वतन वापसी की गुहार लगाई है.

वीडियो में मजदूरों ने कहा है कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है. एलएनटी कंपनी में काम देने की बात कहकर सभी को ले जाया गया मगर एटीसी कंपनी में काम पर लगाया गया. मजदूरों ने कहा है कि जुलाई 2016 में वे सभी सऊदी अरब आए थे. वहां ट्रांसमिशन लाइन में काम पर लगाया गया.एक साल तक उन्हें मजदूरी समय पर मिली, मगर अक्तूबर 2017 के बाद से मजदूरी नहीं दी जा रही है. साथ हीं उन्हें दिनभर में एक बार ही खाना दिया जा रहा है. मजदूरों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से वतन वापसी की मांग की है.

प्रवासी मजदूरों के हित के लिए व्हाट्सएप पर प्रवासी ग्रुप चला रहे बगोदर के सिकंदर अली ने बताया कि सऊदी अरब में फंसे सभी मजदूर गिरिडीह के बगोदर, पीरटांड़, हजारीबाग के विष्णुगढ़ एवं बोकारो जिले के गोमिया इलाके के रहनेवाले हैं. वहां फंसे मजदूरों में बगोदर के विजय महतो, गोबिंद महतो, टोकन महतो, बाबूलाल महतो, रेवतलाल महतो, शहदेव महतो, दुलारचंद महतो, लालजीत कुमार, पीरटांड़ के अजय महतो, विष्णुगढ़ के खीरोधर महतो, रवी कुमार, कौलेश्वर महतो, रेशो महतो, गोमिया के मनोज महतो सहित 41 मजदूर शामिल हैं. इस मामले और भी अपडेटेड जानकारी के लिए बने रहे.

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