सऊदी अरब के दमाम शहर में गुंगारा सीकर निवासी हरी राम की उपचार के दौरान 11 जुलाई को मौत हो गई। घटना के बारे में गांव के ही युवक लालचंद धीवा ने परिजनों को घटना के बारे में बताया। शुरुआती जंकरी में अत्यधिक काम करने और भोजन ठीक से नहि होने से मौत की सूचना हैं. इसके बाद परिजनों ने भारतीय एंबेसी से संपर्क कर घटना के बारे में बताया। भारतीय एंबेसी के सहयोग से लालचंद मृतक के शव को लाया गया।
 

 
हरीराम के इलाज में लापरवाही बरतने की सूचना भारतीय एंबेसी को दी गई थी। लालचंद का दावा है कि हरीराम के शव को लाने के लिए चंदा इकट्ठा नहीं किया गया था। काउंसलर अनिल नोटियाल ने एक अधिकारी को जांच के लिए अस्पताल भेजा था। पैसे हमने इकट्‌ठे किए। इस दौरान 11 जुलाई को उसकी मौत हो गई।
 

 
इसके बाद लालचंद ने भारतीय दूतावास में पदस्थापित राजस्थान के प्रतिनिधि जयप्रकाश धींवा से संपर्क किया। सऊदी रेस्पाउंसर को गुलाम खान और पुलिस के समन्वय कर हरीराम के पुलिस और परिवहन विभाग से कागजात बनवाकर एंबेसी में भिजवाए गए। एंबेसी के सीनियर सैकेट्री विजय कुमार सिंह और राजकुमार ने एनओसी और समस्त पेपर बनाकर शव को भारत भिजवाया गया।

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