अलआलम के अनुसार, सऊदी अरब के राजनैतिक कार्यकर्ता “मोतक़िली अर्राय” ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखाः “बिन हस्लैन” ने देश के हालात और मोहम्मद बिन सलमान की कार्यवाहियों के बारे में एक गुप्त ख़त में शासक सलमान को नसीहत की थी जो मोहम्मद बिन सलमान की ओर से उनकी गि’रफ़्ता’री का आदेश जारी होने का कारण बनी।
 
 
आले साउद ने फिर साउद की ठखट पलट के इशारे दे दिए हैं. सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने शासक पिता सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ के क़रीबी दोस्त नाएफ़ बिन हस्लैन को इस लिए हिरासत में ले लिया है क्योंकि उन्होंने शासक सलमान को एक ख़त में देश के हालात के संबंध में नसीहत की थी।
 
 
अलआलम के अनुसार, सऊदी अरब के राजनैतिक कार्यकर्ता “मोतक़िली अर्राय” ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखाः “बिन हस्लैन” ने देश के हालात और मोहम्मद बिन सलमान की कार्यवाहियों के बारे में एक गुप्त ख़त में शासक सलमान को नसीहत की थी जो मोहम्मद बिन सलमान की ओर से उनकी गि’रफ़्ता’री का आदेश जारी होने का कारण बनी।

दूसरी ओर ह्यूमन राइट्स वॉच ने सचेत किया है कि सऊदी अरब के न्यायवादी इस देश के बुद्धिजीवी व इतिहास के शोधकर्ता शैख़ हसन अलमालेकी को कुछ इल्ज़ाम के आधार पर जो स्पष्ट नहीं हैं, मौत की सज़ा दिलाना चाहते हैं।
 
ह्यूमन राइट्स वॉच के पश्चिम एशिया विभाग के उपप्रमुख माइकल बेज ने कहा है कि सऊदी अरब में सही अर्थ में सुधार तब होगा जब अलमालेकी जैसे धार्मिक प्रचारक गिरफ़्तारी व मौ’त के डर के बिना अपने विचार को व्यक्त करने के लिए आज़ाद हों।
 
इससे पहले सामाचारिक सूत्रों ने सऊदी अरब में 3 धर्मगुरुओं सलमान अलऔदा, एवज़ अलक़र्नी और अली अलउमरी को मौ’त की सज़ा मिलने की सूचना दी थी। इस ख़बर के सामने आने के बाद, पश्चिमी देशों में रहने वाले 80 मुस्लिम धर्मगुरुओं ने एक ख़त में सऊदी शासन को इस देश में धर्मगुरुओं और विरोधियों की गिर’फ़्ता’री और मानवाधिकार के व्यापक उल्लंघन की आ’लोच’ना की थी।

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