जानकारी के अनुसार, मिलिंद को गया स्थित केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया गया था. वह बैंक अधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को गया गया हुआ था. बैठक में शामिल होने के बाद वह 53616 डाउन गया-जमालपुर फास्ट पैसेंजर से किऊल आ रहा था, जहां से उसे जमुई के लिए ट्रेन बदलनी थी.
 
 
 
गया-किऊल रेलमार्ग के सिरारी और लखीसराय स्टेशन के बीच बुधवार की देर रात अपराधियों ने चलती ट्रेन में केनरा बैंक के एक अधिकारी की गला रेत कर हत्या कर दी. अधिकारी केनरा बैंक के जमुई शाखा में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर कार्यरत बताये जा रहे हैं. घटना के बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. हालांकि, बाद में एएसपी के आश्वासन के बाद जाम खत्म कर दिया गया. मृतक भागलपुर जिले के सुलतानगंज का मूल निवासी स्व. विधानचंद मिश्रा का 28 वर्षीय पुत्र मिलिंद कुमार था. मिलिंद के मां व भाई वर्तमान में मुजफ्फरपुर में रहते हैं. मृतक के पिता पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में कॉलेज में कार्यरत थे. इस कारण मृतक के आधार कार्ड पर स्थायी पता बेतिया का ही लिखा है.
 
जानकारी के अनुसार, मिलिंद को गया स्थित केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में बैठक के लिए बुलाया गया था. वह बैंक अधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए बुधवार को गया गया हुआ था. बैठक में शामिल होने के बाद वह 53616 डाउन गया-जमालपुर फास्ट पैसेंजर से किऊल आ रहा था, जहां से उसे जमुई के लिए ट्रेन बदलनी थी. इस दौरान सिरारी स्टेशन पर चढ़े अपराधियों ने मिलिंद को अपना निशाना बनाया और धारदार हथियार से उसकी गला रेत कर हत्या कर दी.

मिलिंद के हाथ पर कटे के निशान से लोगों ने आशंका जतायी है कि अपराधियों के साथ उसकी हाथापाई भी हुई होगी. घटना की जानकारी मिलने पर जमुई से पहुंचे उनके सहकर्मी बैंक प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने बताया कि मृतक ने घायल होने पर अपने मित्र जीतेंद्र कुमार को फोन पर घटना की जानकारी देते हुए बताया था कि अपराधियों ने उनका गला काट दिया है. इधर, अस्पताल सूत्रों के अनुसार मृतक घायलावस्था में लखीसराय स्टेशन पर उतर कर स्वयं सदर अस्पताल पहुंचा था, लेकिन उसके शरीर से अत्यधिक रक्त बह जाने से उसकी मौत हो गयी. घटना की जानकारी होते ही शेखपुरा जीआरपी थाना व लखीसराय जीआरपी के अधिकारी और जवान सदर अस्पताल पहुंच मामले की जांच शुरू कर दी. वहीं, शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद मुजफ्फरपुर से लखीसराय पहुंचे मिलिंद के भाई और अन्य परिजनों को सौंप दिया गया.
 
परिजनों को बैंक अधिकारी का शव सौंपे जाने के बाद जमुई से पहुंचे लोगों ने शव के साथ सदर अस्पताल के समीप सड़क पर रखकर लखीसराय-रामगढ़ चौक मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान लोग घटना के बाद घायलावस्था में मिलिंद के लखीसराय स्टेशन से सदर अस्पताल स्वयं पहुंचने तथा इस बीच किसी तरह की पुलिस के द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने की वजह से बैंक अधिकारी की मौत का कारण बताते हुए पुलिस को दोषारोपित कर रहे हैं. सड़क जाम की सूचना मिलने पर पहुंचे एएसपी मनीष कुमार ने मामले को जीआरपी के क्षेत्र की बात बताते हुए परिजनों को आश्वस्त किया कि वे इसके लिए जीआरपी अधिकारियों से बात करेंगे और ट्रेन में ड्यूटी करनेवाले जीआरपी जवानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को लिखेंगे. इसके बाद करीब घंटे भर तक जाम रहने के बाद परिजन सड़क से हटे.
 
मिलिंद दो भाईयों में छोटा था. मिलिंद कुमार अपने दो भाईयों में छोटे थे तथा अविवाहित थे. मृतक के भाई मनीष मधुर ने बताया कि अगर सही समय पर उनके भाई का इलाज हो जाता, तो शायद उसका भाई आज जीवित रहता.

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