जैसे-जैसे दीवाली नजदीक आरही है लोगों में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा है।

हर साल लोग रंग-बिरंगी लाइट्स, दियों और पटाखों के लिए हर्षित रहते हैं। दीवाली के दिन कई सारे पटाखों के जलने की वजह से वायु प्रदूषण का खतरा बहुत ही बढ़ जाता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए इस साल मुजफ्फरपुर, पटना, गया और हाजीपुर में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। बता दें कि पिछली दिवाली में प्रदूषण के बढ़े स्तर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से पारित आदेश के आधार पर यह रोक लगाई गई है।

 

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी डीएम व एससपी को पत्र लिखकर निर्देश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पिछली दीपावली के समय इन शहरों के परिवेशीय वायु सूचकांक का अध्यन किया गया था। इसमें पाया गया कि दीपावली के समय हवा में पीएम 10, पीएम 2.5, एसओटू, एनओटू के अलावा हानिकारक तत्वों की मात्रा बहुत तेज़ी से बढ़ जाती है। इनमें आर्सेनिक, लेड, निकेल आदि प्रमुख हैं। इनकी मात्रा हवा में इतनी अधिक हो जाती है कि वह मानव के साथ-साथ अन्य प्राणियों के लिए भी घातक हो जाता है।इसी के मद्देनजर इन जिलों में पटाखा बिक्री के नए लाइसेंस जारी नहीं किये जाएंगे साथ ही पुराने लाइसेंस भी रद्द होंगे।

 

गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इन चारों जिलों के अलावा बाकी जिलों में भी ईको फ्रेंडली पटाखे फोड़ने की अनुमति दी है। बांकी जिलों में ईको फ्रेंडली पटाखे दीपावली व गुरुपर्व के दिन रात आठ से 10 बजे तक व छठ पर्व में सुबह छह से सुबह आठ बजे तक फोड़े जा सकेंगे। क्रिसमस व नववर्ष के समय रात 11 बजकर 55 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट तक ही ईको फ्रेंडली पटाखे फोड़ने की अनुमति नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दी है।

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