बिहार के किसानों के लिए एक बड़ी खबर है। राज्य सरकार सूबे के किसानों को एक बड़ी खुशखबरी देने वाली है। राज्य के 13 जिलों में सरकार 328 कृषि यंत्र बैंक बनाएगी। इसके अलावा पटना और मगध प्रमंडलों में 25 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेन्टर भी बनेंगे। दोनों ही योजना में सरकार यंत्रों पर 80 प्रतिशत अनुदान देगी। लेकिन यंत्र बैंकों के लिए अधिकतम अनुदान की राशि आठ और विशेष बैंक लिए 12 लाख तय की गई है।

जानकारी के अनुसार यंत्र बैंकों की स्थापना नवादा, कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी जैसे आकांक्षी जिलों में ही होगी। 25 विशेष हायरिंग केन्द्र पटना और मगध प्रमंडल के जिलों में ही होंगे। मगध प्रमंडल के गया व नवादा जिलों में दोनों योजनाएं एक साथ चलेंगी। यंत्र बैंक की स्थापना किसान समूहों के माध्यम से की जाएगी। जो समूह स्थापना करेंगे उन्हें आसपास के किसानों को कृषि यंत्र किराये पर देना होगा। इससे होने वाली आमदनी भी समूह की ही होगी।

मालूम हो कि दोनों योजनाएं इसी रबी मौसम से शुरू होंगी। साथ में तकनीकी ट्रेनिंग के लिए रबी मौसम में 40 हजार किसानों को एक्सपोजर विजिट भी कराया जाएगा। इन किसानों को जलवायु के अनुकूल खेती के तहत चल रही योजनाओं को फील्ड में ले जाकर दिखाया जाएगा। विभाग ने किसी भी यंत्र पर 50 प्रतिशत से अधिक अनुदान नहीं देने का फैसला किया है। लेकिन, सचिव के निर्देश पर विशेष परिस्थिति में पराली प्रबंधन से जुड़े यंत्रों पर अनुदान बढ़ाया जा सकेगा। लिहाजा, यंत्र बैंकों के लिए विभाग ने 80 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था की है।

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