बिहार के ग्रामीण इलाकों में बढ़ते आपराधिक मामलों को देखते हुए और बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए बिहार सरकार ने ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई है। इसे लेकर पंचायती राज विभाग ने तैयारियां भी शुरू कर दी है।

ग्रामीण इलाकों में लगेंगे कैमरे

प्राप्त जानकारी के अनुसार गांवों में आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा मुहैया कराने और शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पंचायती राज्य विभाग ग्रामीण इलाकों में कैमरे लगाने की तैयारी कर रही है। कैमरे लगाने और उसके देख-रेख के लिए एजेंसियों का चयन भी किया जायेगा।सार्वजनिक स्थलों और सरकारी भवनों, बिजली के पोल पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे।

ऐजेंसी की होगी नियुक्ति

बता दें कि ग्राम पंचायत के माध्यम से कैमरे लगाने का चुनाव किया जायेगा। कैमरे के रखरखाव के लिए एजेंसी नियुक्त की जाएगी। कैमरे को दुरुस्त रखने तथा खराब होने पर ग्राम पंचायत संबंधित एजेंसियों के द्वारा इसे ठीक कराएंगे। एजेंसी अगले पांच सालों तक इसका रख-रखाव करेगी।

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पुलिस शराब की होम डिलीवरी पर कार्रवाई करेगी।

किसी थानेदार की शिकायत आती है तो 10 सालों तक तक थानेदारी नहीं मिलेगी।

होम डिलीवरी को लेकर अभियान और सख्त किया जाएगा।

गांव में चौकीदार को शराब पीने या तस्करी की जानकारी देनी होगी, अगर ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

जिलों के प्रभारी मंत्री हर महीने शराबबंदी की समीक्षा करेंगे।

सेंट्रल टीम पूरे राज्य में लगातार छापेमारी करेगी और कोई भी SHO जिसके क्षेत्र में शराबबंदी कानून का उल्लंघन हो रहा है और जो दोषी पाया जाता है तो उसे सस्पेंड किया जाएगा।

बॉर्डर एरिया को और सील किया जाएगा।

बॉर्डर इलाकों पर और ज्यादा सख्ती की जाएगी और कड़ी निगरानी सख्त किया जाएगी।

खुफिया तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।

शराबबंदी के लिए बने कॉल सेंटर पर शिकायत आती है तो जल्द से जल्द उसका निपटारा किया जाएगा।

ऊंचे स्तर के पदाधिकारी इस बात की समीक्षा करेंगे कि नीचे के अधिकारियों को जो निर्देश दिए जा रहे हैं उनका पालन हो रहा है या नहीं।

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