बिहार में शिक्षण संस्थाओं की संख्या 916 

शिक्षा के क्षेत्र में बिहार का इतिहास काफी पुराना है । प्राचीन समय से ही बिहार अपनी बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए पूरे विश्व में जाना जाता था। अभी भी नई शिक्षा व्यवस्थाओं अपनाते हुए बिहार शिक्षा के क्षेत्र में रोज कुछ ना कुछ नया लेकर आ रहा है । ऐसे में हाल ही में ऑल इंडिया हायर एजुकेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में शिक्षण संस्थाओं की संख्या 916 हो गई है । लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन शिक्षण संस्थानों का घनत्व कुछ ही दिनों में सिमटा हुआ है । बिहार के 57 फ़ीसदी शिक्षण संस्थान बिहार के 10 जिलों में फैले हुए  है । इसके साथ ही लगभग 16 लाख विद्यार्थियों में से 69 फ़ीसदी नामांकन केवल 12 जिलों के शिक्षण संस्थानों में हुए हैं ।

बिहार के 10 जिलों में है सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थान

बात करें जिला शिक्षण संस्थानों की संख्या की तो पटना में 154, दरभंगा में 56, मुजफ्फरपुर में 51, नालंदा में 42, गया में 39, मधुबनी में 39, समस्तीपुर में 37, रोहतास में 35, वैशाली में 34 तथा भागलपुर में 31 है । इस रिपोर्ट से साफ है कि इन जिलों में ही अधिकतर शिक्षण संस्थान केंद्रित है । ऐसे में वैसे जिले जहां शिक्षण संस्थानों की संख्या बहुत कम है, वहां विद्यालयों में या तो विद्यार्थियों का घनत्व बहुत अधिक है या फिर उन्हें अपना शहर छोड़कर दूसरे शहर जाना पड़ रहा है उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ।

पूर्वी चंपारण और गया जिले में  विद्यार्थियों का घनत्व सबसे ज्यादा

आपको बता दें की पूर्वी चंपारण और गया जिले के शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का घनत्व सबसे ज्यादा क्रमशः 3858 और 3566 है । साथ ही भागलपुर प्रति शिक्षण संस्थान 2879 विद्यार्थियों के साथ सर्वाधिक घनत्व वाला जिला है । बता दें कि  शिवहर, लखीसराय, जमुई, अरवल, शेखपुरा, सुपौल और किशनगंज में 10 से कम उच्च शिक्षण संस्थान है ।

सरकार की है जिम्मेदारी

ऐसे में सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि  ऐसे  जिले जहां प्रति विद्यालय विद्यार्थियों का घनत्व बहुत ज्यादा है, वहां शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक कार्य करें जिससे दबाव को कम किया जा सके। साथ ही विद्यार्थियों को अपने ही जिले में बेहतर उच्च शिक्षा प्राप्त हो सके और अन्य जिलों पर जहां शिक्षण संस्थानों की संख्या अधिक है वहां विद्यार्थियों का अधिक दबाव कम किया जा सके ।

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