बिहार में 14 दिसंबर 2021 की मध्य रात्रि के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग पर रोक लग चुकी है। जी हां, 14 दिसंबर 2021 की मध्य रात्रि के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करने पर जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान किया गया है। बता दें कि राज्य में सिंगल यूज पलास्टिक की बिक्री परिवहन और उपयोग पर करवाई की जाएगी।

अभी तक नहीं हुआ है दूसरा विकल्प तैयार

अभी तक बिहार में इसका विकल्प तैयार नहीं किया गया है और इसका बड़ा कारण यह है कि अभी राज्य में बोयो डिग्रेडेबल प्लास्टिक का उत्पादन नही हो रहा है। प्राप्त जानकरी के अनुसार इसका उत्पादन मई 2022 से शुरू होने की आशंका है और इसके लिए राज्य के प्लास्टिक उत्पादकों ने बायो डिग्रेडेबल दाना को सीपेट चेन्नई में टेस्टिंग के लिए भेजा है। बता दें कि इसमें 6 से 7 महीने का समय लगने की उम्मीद है। लेकिन इस बीच बिहार के गया शहर में प्लास्टिक और थर्माकोल के विकल्प में मुंबई से बनकर केले के थम,मकई की बाली एवं गन्ने की खोहिया से बने सामान बाजार में आ रहा है। सामान प्लास्टिक एवं थर्माकोल की अपेक्षा थोड़ी महंगी है। लेकिन पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी अच्छा है। बता दें कि उड़ीसा और झारखंड से पत्तल भी बाजार में आते दिख रहे हैं।

प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ाने की मांग

प्राप्त जानकारी के अनुसार कैट के बिहार चेयरमैन कमल नोपानी ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगने वाले प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने निवेदन किया है कि पूरे देश में 1 जुलाई 2022 से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू किया जा रहा है और इसलिए बिहार राज्य में भी इस प्रतिबंध को देश के साथ ही लागू किया जाए। मालूम हो कि राज्य के बाहर से आने वाला बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के लिए लोगों को छह से सात गुना ज्यादा देना पड़ेगा। 25 पैसा के प्लास्टिक बैग के लिए डेढ़ रुपये तक चुकाना पड़ेगा।

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