बिहार में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरे टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी चल रही है। जी हां, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय बिहार में वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर में दूसरे टाइगर रिजर्व के लिए कार्यों को मूर्त रूप दे रहा है। बता दें कि बुधवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की 19वीं बैठक में इस पर चर्चा की गई।

शाहाबाद क्षेत्र को फायदा

बता दें कि कैमूर टाइगर रिजर्व होने से पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरे शाहाबाद क्षेत्र को फायदा होगा और अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। बता दें कि 70 के दशक में वह बड़ी संख्या में बाघ होते थे, जिसके बारे में स्थानीय लोगों ने बताया था।

देश में 51 टाइगर रिजर्व 

केंद्र सरकार देश में बाघ संरक्षण को लेकर अगले दशक के लिए भविष्य और बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है। देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर कार्य हो रहा है। यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं। इसे ध्यान में रहकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं। उम्मीद है जल्द ही इस योजना को मूर्तरूप भी मिल जाएगा।

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