बिहार में चार नये नेशनल हाईवे के एलाइनमेंट को मंजूरी दी दी गई है। इसके साथ ही सात नये एनएच के निर्माण को लेकर भी अच्छी खबर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को राष्ट्रीय राज्यमार्ग से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कई अहम निर्देश भी दिए। बैठक के दौरान पथ निर्माण मंत्री नितीन नविन भी मौजूद थे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहा कि सड़क के आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से जो परियोजनाएं तैयार की गयी हैं, वे बेहतर है। नयी सड़क की मंजूरी से पटना से कोलकाता, दिल्ली और वाराणसी की दूरी कम हो जायेगी और नयी कनेक्टिविटी मिल पायेगी।  नये पथों के निर्माण से लोगों को तेज गति से आवागमन में और सहुलियत होगी।
सीएम ने अधिकारियों को नयी सड़कों के निर्माण के साथ-साथ पुरानी सड़कों को भी मेंटेन रखने का और शहरों में सुलभ संपर्कता को बढ़ाने का भी का निर्देश भी दिया। इसके साथ ही सीएम ने सात नये एनएच के निर्माण को लेकर केंद्र को अनुशंसा भेजने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान  मोकामा-मुंगेर फोरलेन पथ के अंतर्गत आने वाले मोकामा से मनोहरपुर होते हुए लखीसराय के दक्षिण से मुंगेर तक ग्रीन फील्ड नये फोरलेन के एलाइनमेंट की मंजूरी मिली है। इस एलाइनमेंट में सरमेरा से मनोहरपुर तक 20 किमी सड़क को भी शामिल किया किया जायेगा। नये फोरलेन एलाइनमेंट वाली सड़क की कुल लंबाई 92 किमी होगी। जब यह सड़क बन जाएगी तब बक्सर से पटना होते हुए मोकामा-मुंगेर के माध्यम से भागलपुर-मिर्जा चौकी तक फोरलेन पथ की उपलब्धता भी सुनिश्चित हो जाएगी।
बक्सर-वाराणसी ग्रीन फील्ड फोरलेन के तहत पटना से बक्सर के रास्ते वाराणसी तक सुगम आवागमन के मद्देनजर बक्सर-चौसा-वाराणसी नये फोरलेन के एलाइनमेंट पर सहमति मिली है। इस फोरलेन का हिस्सा बिहार में भी है।  जिसकी लंबाई 29 किमी है। जबकि इसके 62  किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है। इस सड़क के बन जाने के बाद पटना से वाराणसी दूरी 225 किमी हो जाएगी।  उधर पटना-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के निर्माण की अनुशंसा भी की गई है। इसका उद्देश्य पटना का कोलकाता से सीधा और सुगम संपर्क हो सकता है।

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