बिहार के चर्चित सीजन घोटाले में बड़ी कार्रवाई की की गई है। सीजन घोटाले में मामले में कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने भागलपुर के बड़े कारोबारी प्रणव कुमार घोष को गिर.फ्तार किया है।
प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक संतोष कुमार मंडल के नेतृत्व में मनी लॉन्ड्रिंग मामलें में कारोबारी प्रणव कुमार घोष पर एक्शन लिया गया है। प्रणव कुमार पर सृजन घोटाले को लेकर रची गई साजिश में मुख्य सलाहकार की भूमिका निभाने का आरोप लगाया था।
पिछले साल हुई कार्रवाई में पीके घोष का बंगला जब्त किया गया था। उनका यह बंगला पुणे में स्थित था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तीन दिन पहले प्रणव कुमार घोष को पूछताछ के लिए पटना बुलाया गया था। घोष गिरफ्तार नहीं किये जाने शर्त पर पटना आये थे। इस दौरान उनसे संपत्ति के स्त्रोत के बारे में पूछताछ की गई थी। इस दौरान ईडी ने सृजन के पैसे से बंगला खरदीने के बात घोष के सामने रखी और घोष के सामने इसके कई सबूत रख दिए।
घोष के बारे में यह बताया जा रहा है कि वो वर्ष 2003-04 और 2007-08 में सृजन महिला विकास सहयोग समिति में प्रोफेशनल टैक्स सलाहकार थे। आरोप के अनुसार घोष सृजन कार्यालय में नियमित रूप से आया करते थे। वहीं ऊपर मनोरमा देवी की मदद करने का भी आरोप है।
मनोरमा देवी की बेटी के एक बयान का हवाला देते हुए यह कहा जाता है कि सृजन घोटाले के दौरान घोष ने भी फायदा लिया है। घोष पर
मनोरमा देवी और सरकारी कर्मियों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने का आरोप भी लगा था। मालूम हो कि भागलपुर के आलावा सृजन घोटाला का मामला सहरसा और बांका भी सामने आया था।
साभार:प्रभात खबर

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