राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री का ऐलान:अब बहुमत के आधार पर भी होगा पारिवारिक जमीन का बंटवारा.
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत राय ने कहा कि परिवारिक जमीन विवाद के निपटारे के लिए राज्य सरकार बहुमत के आधार पर बंटवारे को लेकर कानून बनाने पर विचार कर रही है। अभी राजस्व अफसर पारिवारिक बंटवारे में सर्वसम्मति होने पर ही किसी तरह का निर्णय ले सकते हैं। सर्वसम्मति न होने की वजह से राजस्व अधिकारी किसी तरह का निर्णय नहीं कर पाते हैं, जिससे विवादों का निपटारा नहीं हो पाता है। अभी ऐसे मामलों में अदालतों को ही निर्णय लेने का अधिकार है। बिहार में सबसे अधिक विवाद परिवारिक संपत्ति को लेकर ही हो रहा है।
 
मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी जमीन विवाद से संबंधित सबसे अधिक मामले आते हैं।मंत्री ने कहा कि इसी के विकल्प के रुप में बहुमत के आधार पर बंटवारे को लेकर अगर कानून बन जायेगा तो 5 से में 3 भाई भी पारिवारिक बंटवारे पर सहमत हो जाते हैं तो उसे सरकार मान लेगी और उस आधार पर किसी भी तरह का काम हो सकेगा। यही देखते हुए पारिवारिक जमीन के बंटवारे में विवाद को देखते हुए बिहार सरकार बहुमत के
 
आधार पर बंटवारे का कानून बनाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत प्रयास होगा कि पंचायत स्तर पर और चकबंदी कमेटी के माध्यम से भी मुखिया व जनप्रतिनिधि के सहयोग से परिवारिक जमीन का बंटवारा हो सकेगा। इससे विवाद में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि अब कोशिश यह है कि पंचायत स्तर पर और चकबंदी कमेटी के माध्यम से भी मुखिया व जनप्रतिनिधि के सहयोग से परिवारिक जमीन का बंटवारा मान्य हो जाये।
 
सरकार का यह कानून कोर्ट में नहीं टिकेगा
सरकार कानून तो बना ही सकती है, लेकिन यह कानून कोर्ट में नहीं टिकेगा। इस मामले में बहुमत के आधार पर निर्णय थोड़ा कठिन है। निर्णय के लिए सर्वसम्मति आवश्यक तो है ही। भूमि का टाइटल देखना, तय करना सिविल कोर्ट का काम है। कोर्ट में बहुमत वाला प्रावधान थोड़े मान्य होगा। ऐसे भी भूमि के वितरण या आपसी बंटवारे के लिए हिन्दू, मुस्लिम आदि धर्मों के लिए अलग-अलग प्रावधान किये गये हैं। नए कानून में ऐसा समेकित रुप में कैसे हो सकता है?’-सुनील नाथ मिश्र

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