पूरे बिहार में पल्स पोलियो की तर्ज पर ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत कोविड टीकाकरण का कार्य चल रहा है। 3 नवंबर को शुरू हुए इस अभियान के तहत हर घर जाकर लोगों को कोविड टीका लगाया जा रहा है। इस अभियान का मकसद राज्य में कोरोना टीका से वंचितों को कोविड टीका की दोनों खुराक लेने के प्रति जागरूक करना और टीकाकृत करना है। अभियान के दौरान चिमनी भट्ठा पर कार्य करने वाले कामगारों, खेत-खलिहानों में किसानों को जीवन रक्षा की डोज देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। और अब इस अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की जा रही है।

27 नवंबर तक 1,53,65, 956 घरों में दस्तक देने का लक्ष्य

बता दें कि ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत बिहार में 27 नवंबर तक 1 करोड़ 53 लाख 65 हजार 956 घरों में दस्तक देने का लक्ष्य है। मालूम हो कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक 125 घरों पर एक मोटरसाइकिल मोबाइल टीकाकरण टीम गठित की गई है। प्रत्येक मोबाइल टीम में एक वैरिफायर एवं एक वैक्सीनेटर होगा, जिसके द्वारा हर घर दस्तक अभियान के तहत घर-घर जाकर टीकाकरण कार्य किया जायेगा।

83,15, 870 लोग दूसरे टीके से अब भी वंचित

सोमवार को इस अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि अगले माह के अंत तक राज्य में हर व्यक्ति को कोरोना की पहली खुराक दे दी जाएगी। और इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। हर जिले में कंट्रोल रूम बनाया गया है और हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। दिव्यांगजन, वृद्धजन और गर्भवती महिलाओं को घर पर जाकर टीका दिया जा रहा है। पूरे राज्य के 534 प्रखंडों के चिह्नित घरों के सदस्यों का टीकाकरण किया जाना है। पांच हजार 852 सुपरवाइजर की निगरानी में मोबाइल टीम को पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। बता दें कि राज्य में कोविड टीके की दूसरी डोज का कवरेज 73% हो चुकी है लेकिन अभी भी राज्य में दूसरे डोज से 83 लाख 15 हजार 870 लोग वंचित हैं।

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