बिहार में एक और नए पुल के निर्माण को मंजूरी मिली है। इस नए पुल के बन जाने के बाद से 4 राज्यों की कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी। साथ ही बिहार और झारखंड के बीच आर्थिक और सामाजिक रिश्तो में काफी मजबूती भी आएगी। पुल के निर्माण के साथ ही बिहार और झारखंड के बीच 80 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। यह पुल 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। पुल के निर्माण में 210 करोड़ से अधिक की लागत आएगी।
इसके निर्माण की जिम्मेदारी बिहार राज्य पुल निगम को दी गई है। दो लेन का यह ब्रिज बिहार-झारखंड को जोड़ने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए आवागमन में सहूलियत प्रदान करेगा।
स्कूल के निर्माण की मंजूरी का फैसला बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। यह फूल सोन नदी पर बनाया जाएगा।
झारखंड के गढ़वा ज़िले के श्रीनगर और बिहार के रोहतास ज़िले के पंडुका के बीच बनने जार रही पुल के साथ साथ करीब 68 किलोमीटर लंबे पहुंच मार्ग के निर्माण को भी मंजूरी दी गई है। करीब 2.2 किलोमीटर लंबा ब्रिज बन जाने के बाद बिहार और झारखंड के बॉर्डर पर बसे आदिवासियों के लिए काफी मददगार साबित होगा।
गढ़वा ज़िले के मझिआंव, विशुनपुरा, भवनाथपुर, बरडीहा और कांड़ी जैसे इलाकों के साथ साथ पलामू, लातेहार, लोहदरगा व गुमला जिलें इस पुल के निर्माण के बाद बिहार के रोहतास से सीधे तौर पर जुड़े जायेंगे। वहीं यह ब्रिज छत्तीसगढ़ की तरफ से आकर वाराणसी जानें वालों के लिए एक बैकल्पिक रास्ते के तौर पर कार्य करेगा।
मौजूदा समय में लोग डेहरी और औरंगाबाद के रास्ते बिहार और झारखंड के उपयुक्त जिले में जाते हैं। कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों को 120 किलोमीटर की दूरी तय करके इन जिलों में पहुंचना पड़ता है, लेकिन इस स्कूल के बन जाने के बाद से पंडुका से झारखंड सीधे तौर पर जुड़ जाएगा जिसके बाद यह दूरियां आधी रह जाएगी।
वहीं इस पुल से बिहार झारखंड के बीच इकोनामिक कॉरिडोर को भी मजबूती देगा। पुल के बन जाने से दोनों राज्यों के बीच दूरियां कम हो जियेगी। और आर्थिक-सामाजिक गतिविधियों को काफी मजबूती मिलेगी। सोन नदी पर पहली बार बनने जा रहें इंटरस्टेट पुल के बन जाने जाने के बाद से बिहार और झारखंड की बीच सुगमता बढ़ जाएगी।

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