बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहा है कि बिहार में इस कानून की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई भी राज्य इसे लागू करता है तो इससे हमें कोई मतलब नहीं है। आपको बता दें कि बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की थी। नीरज कुमार बबलू बिहार में बीजेपी कोटे से मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के समापन के बाद उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए यह कहा कि कोई क्या करता है इससे मुझे कोई मतलब नहीं है, बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने आगे यह कहा कि हम पहले से जनसंख्या नियंत्रण को लेकर काम कर रहे हैं। पहले बिहार में प्रजनन दर 4 फीसदी था जो कि अब 3 फीसदी पर पहुंच गया है और आने वाले समय में या 2 फीसदी पर आ जाएगा।
बताते चलें कि सोमवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में सहयोग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह कहा था कि जाति आधारित जनगणना से पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना चाहिए। बिहार में भी पहले जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनना चाहिए। लगातार बढ़ती आबादी से पृथ्वी का बोझ बढ़ता जा रहा है। पहले इसे नियंत्रित करने को लेकर सार्थक पहल होनी चाहिए।
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने यह भी कहा था कि लगातार बढ़ रही आबादी के वजह से पृथ्वी का बोझ बढ़ रहा है। पहले इसे नियंत्रित करने को लेकर सार्थक पहल की जानी चाहिए। धरती का बोझ कम करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी है। उन्होंने कहा था कि जल जीवन हरियाली का मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व होता है, इससे हम प्रकृति के कोप से बचते हैं। इससे हमें ऑक्सीजन भी मिलता है। ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है

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