बच्चों के लिए होगा तैयार पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार

देशभर में कोरोना टीकाकरण का काम काफी तेजी से चल रहा है । हाल ही में भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा भी पार कर लिया है । कोरोना के टीके की दोनों खुराक लेने के बाद कहीं ना कहीं 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोग कोरोना के खतरे से थोड़ा बचे रहेंगे लेकिन अभी तक बच्चों के लिए वैक्सीन नहीं तैयार किया गया है । ऐसे में कोरोना की शहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को ही है । इसी को देखते हुए बिहार सरकार पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में लगा हुआ है । जी हां, बिहार में 440 करोड़ की लागत से पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं का था बुरा हाल

कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बिहार सहित पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बुरी हालत किसी से छिपी नहीं थी । ऑक्सीजन की कमी से लेकर बैठ की कमी से हुई मौतों का अगर हिसाब लिया जाए तो आंकड़े कम पड़ जाएंगे। हालांकि बिहार सरकार का दावा है कि प्रदेश में अभी तक ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है ।

केंद्र सरकार की ओर से 13 सौ करोड़ की मिलेगी मदद

जानकारी के अनुसार बिहार में इमरजेंसी कॉमेंट्स पैकेज फेज-2 के तहत बिहार को लगभग 13 सौ करोड केंद्र सरकार की ओर से मिलेगी । इस हेतु बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति को लगभग 860 करोड रुपए केंद्र सरकार से मिल चुके हैं। इमरजेंसी कॉमेंट्स पैकेज फेज-2 स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने तथा पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं रेफरल ट्रांसपोर्ट पर केंद्रित होगा। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के अनुसार बिहार में 2025 तक स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव हो जाएगा। शहर के साथ-साथ गांव में भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा।

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