उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 29 नवंबर सोमवार को बिहार विधानसभा में 20 हजार 531 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी रिपार्ट पेश किया । इस व्यय विवरणी में वार्षिक योजना मद में प्रतिबद्ध मद में 8 हजार 373 करोड़ एवं 12 हजार 120 करोड़ स्थापना में और केंद्रीय क्षेत्र स्कीम मद में 37 करोड़ 47 लाख खर्च की विस्तारपूर्ण रिपार्ट पेश की गई।

बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधान परिषद में व्यय-विवरणी पेश किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्रेंट सेशन में ही इस पर विचार विमर्श कर सदन में बिल को पास किया जाएगा । सदन की मुहर लगने के बाद इसी वित्तीय वर्ष में सरकार इस राशि को खर्च करेगी। अभी तक के रिपार्ट के मुताबिक सदन में पेश व्यय-विवरणी के अनुसार सबसे ज्यादा राशि 4441 करोड़ समग्र शिक्षा कैंपेन मद में खर्च होंगे।

रिपोर्ट के अनुसार :

1. बाढ़ नियंत्रण में 219 करोड़

2. सड़कों व पुलों निर्माण में 400 करोड़

3. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 242 करोड़

4. मध्याह्न भोजन योजना 235 करोड़

5. बिहार राज्य आवास बोर्ड में 315 करोड़

6. पटना मेट्रो रेल परियोजना में 1000 करोड़

7. सीएम बालिका स्नातक प्रोत्साहन में 433 करोड़

8. त्वरित सिंचाई लाभ व बाढ़ प्रबंधन में 150 करोड़

9. सीएम बालिका स्नातक प्रोत्साहन में 433 करोड़

10. नाबार्ड संपोषित गंगा जल उद्वह योजना में 1035 करोड़

11. पीएम आवास ग्रामीण योजना में 54 करोड़ 54 लाख

12. सीएम ग्राम सम्पर्क योजना में 550 करोड़

13. फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के गठन में 25 करोड़ 43 लाख

14. सीएम बालिका प्रोत्साहन योजना में 635 करोड़

15. पीएम कृषि सिंचाई योजना में 28 करोड़ 75 लाख

वार्षिक स्कीम में;

1. माध्यमिक विद्यालयों का उन्नयन में 91 करोड़

2. सीएम बालिका साईकिल योजना में 54 करोड़ 72 लाख

3. विश्वविद्यालयों के विकास में 149 करोड़

4. सीएम वृद्धजन पेंशन योजना में 63 करोड़

5. सीएम प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना में 61 करोड़ 95 लाख

6. औद्योगिक प्रोत्साहन नीति अंतर्गत 150 करोड़

7. ममता कार्यकर्ता के मानदेय में 61 करोड़ 82 लाख

8. ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना में 87 करोड़ 78 लाख

9. सीएम बालिका पोशाक योजना में 123 करोड़

10. सीएम शहरी नली-गली पक्कीकरण योजना में 100 करोड़

11. सीएम बाल आश्रय विकास अंतर्गत 65 करोड़

12. सीएम नल-जल निश्चय योजना में 95 करोड़

2130 करोड़ स्थापना मद के तहत षष्ठम वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत पंचायती राज संस्थाओं पर खर्च होंगे;

1. स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के शहरी निकायों में 212 करोड़ 84 लाख

2. पंचायती निर्वाचन में 140 करोड़

3. स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के तहत पंचायती राज संस्थाओं के 904 करोड़ 47 लाख

4. शहरी निकायों में 1445 करोड़ 33 लाख

5. प्राकृतिक विपदा में 1182 करोड़ 34 लाख

6. वित्त संपोषित महाविद्यालय अंतर्गत 884 करोड़

7. स्वास्थ्य विभाग के अधीन वेतनादि में 554 करोड़ 56

8. राज्य के विभिन्न विश्विद्यालयों में 547 करोड़

इसी तरह वहीं, केंद्रीय स्कीम में अतिरिक्त प्रावधान के तहत 37 करोड़ की राशि जनगणना के लिए प्रस्तावित की गई है।

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