बिहार की हवा दिन-प्रतिदिन दूषित ही होती जा रही है। हवा में लगातार धूल-कण की मात्रा तय मानक से काफी अधिक पाई जा रही है। बीते कुछ समय से राज्य की हवा में धूल-कण की मात्रा तय मानक से काफी अधिक रिकॉर्ड की गई है। यानी बिहारवासी अत्यधिक ज़हरीली हवा में सांस ले रहे हैं । विशेषज्ञों के अनुसार, जल्द उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह स्थिति जनवरी तक बनी रह सकती है। बता दें कि हवा के दूषित होने की वजह से लगातार पटना, मुजफ्फरपुर, गया और हाजीपुर में सड़क पर चलने वाले लोगों के आंखों में जलन होने की बात सामने आरही है। लेकिन हैरानी की बात ये हैं कि प्रदूषित शहरों की लिस्ट में बिहार के कई शहरों के नाम शामिल हैं। बुधवार काे पटना का एक्यूआई लेवल 311 रहा। पटना से ज्यादा एक्यूआई लेवल आरा, दरभंगा, छपरा, बिहारशरीफ, सीवान, सासाराम, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, कटिहार और पूर्णिया का रहा।

आरा रहा देशभर में टाॅप

आरा ताे देशभर में टाॅप रहा, जहां का एक्यूआई लेवल 414 था। पाॅल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड के मानक के हिसाब से यह गंभीर स्थिति है। दिल्ली का एक्यूआई लेवल आरा से कम 407 रहा। बिहार के इन जिलों में चलने वाली हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा मानक से चार गुना अधिक आंकी गई है। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के वैज्ञानिक के मुताबिक, तापमान घटने के कारण हवा में नमी के साथ-साथ कोहरे और धुंध की वजह से एक्यूआई लेवल में वृद्धि हुई है।

बढ़ सकता है प्रदूषण का लेवल

वायु प्रदूषण विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में राज्य में कोहरे की स्थिति और आर्द्रता में वृद्धि होने पर प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। जिस तरह अभी प्रदूषण की आंकड़ा रिकॉर्ड हो रही है, इससे लगता है कि आगे और भी खतरा बढ़ने वाला है। गौरतलब है दीवाली के बाद से ही राज्य में लगातार प्रदूषण बढ़ ही रहा है ।

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