जनवरी फरवरी के महीने में प्रदेश में पड़ेगी कड़ाके की ठंड

इस बार प्रदेश में मानसून की वापसी अचानक हुई थी लेकिन मॉनसून के जाते ही अब बिहार में हल्की हल्की ठंड के आसार दिखने लगे हैं । मौसम  वैज्ञानिकों की माने तो बिहार में 10 नवंबर के बाद से ठंड गिरने लगेगा । लेकिन इस बार अनुमान है की सामान्य से ज्यादा ठंड प्रदेश में पड़ सकती है और इसका असर लंबे समय तक रहेगा । जनवरी और फरवरी के महीने में बिहार वासियों को बेहद कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है ।

3 डिग्री तक गिर सकता है पारा

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार जनवरी और फरवरी के महीने में शीतलहर की अधिकता रहेगी और पारा सामान्य से 3 डिग्री तक जा सकता है । ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि ला नीना के प्रभाव से उत्तर पूर्व एशिया में मौसमी बदलावों के आसार देखने को मिल सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा असर उत्तर भारत के मौसम पर भी पड़ेगा । इस मौसमी बदलाव की वजह से बिहार में पारा 3 डिग्री तक जा सकता है ।  मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार प्रशांत महासागर क्षेत्र में संभावित बदलावों को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो सकता है ।

साल 2017 में भी इस स्थिति की वजह से पड़ी थी कड़ाके की ठंड

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इससे पहले साल 2017 में भी बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ी थी जिसमें पारा  सामान्य से काफी नीचे चला गया था । उस वक्त राजधानी पटना में पारा 4 डिग्री तक जा चुका था और इसके साथ ही कोल्ड वेव की वजह से भी जनजीवन पर गहरा असर हुआ था । लेकिन इन सबके बीच राहत की बात बस यह होगी कि इस ठंड के प्रभाव से प्रदेश में खेती पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा । मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगर मौसम ऐसा ही रहा तो बिहार में शीतकालीन फसलों  की पैदावार अच्छी हो सकती है । वहीं अगर जनजीवन पर इसका असर देखे तो सांस के रोगियों के साथ-साथ जीव जंतुओं के लिए यह काफी मुश्किल वक्त होगा । ऐसे में लोगों को जनवरी-फरवरी के माह में ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत होगी ।

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