पटना के घरों से निकलने वाले कचरे के निस्तारण के लिए अब योजना बनाई जा रही है। इसके लिए नगर निगम द्वारा गर्दनीबाग में एक और बैरिया डंपिंग यार्ड में दो बड़ी कूड़ा प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी। इनसे रोजाना 50 टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण किया जाएगा।

एक हजार टन कूड़े से लगभग 100 टन प्लास्टिक निकलता है

ज्ञात हो कि राजधानी पटना में रोज निकलने वाले करीब एक हजार टन कूड़े से लगभग 100 टन प्लास्टिक निकलता है। बता दें कि प्लास्टिक और कपड़ा कचरा का निस्तारण करने के लिए हर अंचल के लिए एक-एक यूनिट लगाने की योजना बन रही है। बता दें कि अभी गर्दनीबाग में रोज 5000 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की क्षमता वाली एक यूनिट है। प्लास्टिक कचरे का बुरादा तैयार किया जाता है। इसमें 10 फीसदी वेस्टेज जाता है। लगभग 4500 किलोग्राम बुरादा होता है। कुर्सी निर्माण कंपनी, सड़क निर्माण कंपनी और सीमेंट फैक्ट्री में इसका इस्तेमाल हो रहा है।

गर्दनीबाग में लगेगी यूनिट

बता दें कि फिलहाल कचरे के निस्तारण के लिए एक छोटी और दो बड़ी यूनिट बैठाने के लिए कवायद शुरू हाे चुकी है। इनसे हर दिन सभी तरह के लगभग 75 टन कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। दो बड़ी यूनिट में प्लास्टिक के साथ-साथ अलग-अलग कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। बैरिया में लगने वाली एक यूनिट में करीब 10 टन प्लास्टिक के निस्तारण की क्षमता हाेगी। वहीं दूसरी यूनिट में लगभग 15 टन प्लास्टिक का निस्तारण हाेगा। गर्दनीबाग में एक छोटी यूनिट लगेगी, जिसकी क्षमता पांच टन होगी। बता दें कि इन यूनिट्स के लगने से राजधानी में कचरे के निस्तारण में काफी सुविधा होगी।

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