बिहार में विकास की रफ्तार को गति देने के लिए लगातार सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। हाल ही में बिहार के स्टेट हाईवे को नेशनल हाईवे में तब्दील किये जाने की बात भी सामने आई है। इसके अलावा राजधानी पटना में भी कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इतना ही नहीं 4 नए एक्सप्रेसवे की सौगात भी बिहार को दी गयी है। वहीं, राजधानी पटना के आसपास कई सड़कों का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसी क्रम में अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भारत माला परियोजना फेज दो के तहत वाराणसी-रांची-कोलकता एक्सप्रेसवे का निर्माण के लिए विधिवत प्रारूप तैयार कर लिया गया है।

तैयार की जा रही है रिपोर्ट

इस परियोजना से जिले के चार प्रखंडों के 42 गांव जुड़ेंगे। अधिकांश गांव यातायात व अन्य दृष्टि से काफी पिछड़े हैं। सड़क निर्माण से इन गांवों में विकास कार्य तेज होंगे। परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से भू-अर्जन के लिए राजस्व ग्राम, रैयत, उनकी दखल कब्जा, लगान रसीद, चक या सर्वे खतियान से संबंधित सत्यापित रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

चार प्रखंड के 42 गांवों को लाभ

यह सड़क उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होकर कैमूर होते हुए जिले के चेनारी, शिवसागर, सासाराम व तिलौथू होते हुए झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल के कोलकाता से जुड़ेगी। इस परियोजना से जुड़ने वाले गांवों में चेनारी प्रखंड का निसिजा से जुड़ते हुए लांजी, बीरनगर, चरही, हाता, नारायणपुर, केनारकला, सेमरी, सहंसि, बेंसिल, रघुनाथपुर, सरेन होते हुए कुल 19 गांवों, शिवसागर प्रखंड के केनार खुर्द, सिकरौर, मझुईं, खुढ़नु, चोर, चेनारी, करमा, कोनकी, दरिगांव, टेकारी, तेंदुआ, मुरही होते हुए 15 गांवों, सासाराम प्रखंड के कौरिया, घरबैर, पालनगढ, गोरिया व महुआ डिहरा समेत पांच गांव तथा तिलौथू के बेलवई, शिवपुर कैथी के रास्ते झारखंड से जुड़ेगा।

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