मंदिरों का होगा रेजिस्ट्रेशन

बुधवार को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने राज्य के सार्वजनिक मंदिरों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसके तहत अब सभी सार्वजनिक मंदिरों का रेजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होगा।जी हां, राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने अब सभी सार्वजनिक मंदिरों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया है।

राज्य में कुल 4,600 रजिस्टर मंदिर

बता दे कि इसके लिए दिसंबर में पूरे राज्य में एक अभियान भी चलाया जाएगा। बोर्ड ने इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों से गैर रजिस्टर मंदिरों की सूची मांगी है और जिलाधिकारियों से सूची मिलते ही रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के मुताबिक, राज्य में कुल 4,600 रजिस्टर मंदिर हैं। इन मंदिरों के अलावा बड़ी संख्या में राज्य में ऐसे बड़े और प्रमुख मंदिर हैं जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है, जिसकी वजह से फिलहाल वो टैक्स भी नहीं देते।

चार फीसदी टैक्स देना अनिवार्य

धार्मिक न्यास बोर्ड ने साफ कर दिया है, जिन घरों में प्राइवेट मंदिर का निर्माण किया गया है, उसमें बाहरी लोग पूजा करने नहीं जा सकेंगे। धार्मिक न्यास बोर्ड के अनुसार वैसे मंदिर जहां बाहरी लोग पूजा करने आते हैं वो सार्वजनिक मंदिर माने जाएंगे, भले ही मंदिर किसी व्यक्ति की घर के चहारदीवारी के अंदर ही क्यों ना हों. ऐसे मंदिरों को सार्वजनिक मंदिर माना जाएगा और उन्हें टैक्स देना होगा। आदेश के अनुसार ऐसे मंदिरों को अपनी आय का चार फीसदी टैक्स धार्मिक न्यास बोर्ड को देना अनिवार्य होगा।

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