DDA ने शुरू किया नया का VISTA प्रोजेक्ट.
केंद्र सरकार के बहुचर्चित सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की अंतिम अड़चन भी दूर हो गई है। डीडीए ने इस प्रोजेक्ट के लिए 15 एकड़ जमीन के भू उपयोग में बदलाव के प्रस्ताव को पारित कर दिया है। केंद्रीय सचिवालय के नजदीक चर्च रोड पर बने बस टर्मिनल और बसों की पार्किंग को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। जमीन पहले परिवहन व सरकारी इस्तेमाल के चिह्न्ति थी जिसे बदलकर रिहायशी करने के आशय का प्रस्ताव डीडीए ने पारित कर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय को भी भेज दिया है।
 
नया बस टेर्मिनल और पार्किंग.
प्रस्ताव में कहा गया कि बस टर्मिनल और बसों की पार्किंग के लिए यह जगह कभी दिल्ली परिवहन निगम को आधिकारिक तौर पर नहीं दी गई है। हालांकि, जरूरत को देखते हुए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बस टर्मिनल को कहीं और जमीन भी आवंटित किए जाने की बात प्रस्ताव में कही गई है। केंद्र सरकार के भूमि और विकास कार्यालय की ओर से दिए सुझावों में कहा गया है कि कोई योजना नहीं होने के कारण डीटीसी इस जमीन का उपयोग कर रही थी, जिसे अब सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
 
 
यह है पूरा प्रोजेक्ट:
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत संसद की मौजूदा इमारत के नजदीक नई इमारत बनाई जानी है। इसके 21 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर हालांकि अभी तक फैसला नहीं लिया गया है। अलबत्ता, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने 861.9 करोड़ रुपये की लागत से संसद की नई इमारत बनाने का ठेका हासिल किया है। परियोजना के तहत संसद भवन की त्रिकोणीय इमारत, एक साझा केंद्रीय सचिवालय व राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनर्विकास किया जाएगा।

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