लॉकडाउन 4 मई से दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन बढ़ गया है और देश में रेड,ऑरेंज और ग्रीन श्रेणी में बांटे गए जिलों के हिसाब से प्रतिबंधों के अलावा कुछ छूट निर्धारित की हैं। दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के 32 जिले एनसीआर में आते हैं जिसमें सिर्फ दो जिलों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने ग्रीन श्रेणी में रखा है। ग्रीन जिला में हरियाणा के एनसीआर हिस्से वाले रेवाड़ी और महेंद्र गढ़ शामिल है। 12 जिले ऑरेंज श्रेणी में शामिल किया गया हैं, जिसमें सबसे नजदीक यूपी का गाजियाबाद और हरियाणा का गुड़गांव है । देशभर के 130 में से दिल्ली के 11 जिले सहित एनसीआर के 18 जिलों को कोरोना हॉट स्पॉट यानी रेड श्रेणी में रखा गया है। रेड हॉट स्पॉट जिलों में पाबंदी सबसे अधिक है जबकि ग्रीन जिलों में अलग से पाबंदी नहीं रहेगी।
 
 
रेड जोन: क्या पाबंदी और किसकी सशर्त छूट
केंद्र सरकार की नई गाइड लाइंस के हिसाब से रेड जिलों में साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, इंटर डिस्ट्रिक्ट बस के अलावा बारबर शॉप, स्पॉ और सैलून भी बढ़ाए गए लॉकडाउन में नहीं चलाए जा सकेंगे। निजी वाहन अनुमति वाले कार्य के लिए जा सकेंगे लेकिन चार पहिया वाहन में एक चालक के अलावा सिर्फ दो को अनुमति होगी। जबकि दुपहिया वाहन पर पीछे सवारी बैठाकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य को मंजूरी होगी, जबकि शहरी क्षेत्र में सिर्फ वही निर्माण कार्य किए जा सकेंगे जहां मजदूर पहले से उपलब्ध हैं। प्राइवेट ऑफिस खोलने की अनुमति होगी लेकिन 33% कर्मी की छूट, बाकी वर्क फ्रॉम होम होंगे। ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के अलावा किसी सामान की डिलीवरी की छूट नहीं रहेगी।
 
जानिए…ऑरेंज और ग्रीन जोन में विशेष छूट
ऑरेंज जिला में बस चलाने पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। बारबर शॉप, स्पॉ और सैलून खुल सकेंगे। हालांकि इसमें मॉल, मार्केट कॉम्प्लेक्स वाला प्रतिबंध लागू रहेगा। साइकिल रिक्शा और ऑटो रिक्शा चल सकेंगे, लेकिन टैक्सी के लिए चालक के अलावा सिर्फ 2 सवारी के बैठने पर छूट रहेगी। निजी वाहनों के मामले में रेड जोन की तरह अनुमति वाले कार्य के लिए जा सकेंगे लेकिन चार पहिया वाहन में एक चालक के अलावा सिर्फ दो को अनुमति होगी। जबकि दुपहिया वाहन पर पीछे सवारी बैठाकर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। ग्रीन जोन में साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी की छूट के अलावा 50 फीसदी सिटिंग के साथ बस और बस डिपो को भी छूट रहेगी।
 
एलजी के सामने स्वास्थ्य सचिव ने पेश किया प्लान
दिल्ली के सभी 11 जिलों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने रखा है। जबकि 5 कंटेनमेंटमेंट जोन को डि-कंटेनमेंट जोन बनाए जाने के बाद अब सिर्फ 96 कंटेनमेंट जोन बचे हैं। इन जोन में 383 पॉजिटिव मरीज हैं और ढाई से 3 फीसदी आबादी 5.17 लाख लोग उन हॉटस्पॉट में रहते हैं। ऐसे में दिल्ली की करीब पौने दो करोड़ की आबादी पर लगने वाली पाबंदी कम करने के लिए दिल्ली सरकार जिलास्तर पर हॉटस्पॉट रेड घोषित करने की बजाय वार्ड स्तर पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन वार्ड का प्लान बना रही है।
 
 
स्वास्थ्य सचिव पदमिनी सिंघला ने शुक्रवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आला अधिकारियों की बैठक में प्रजेंटेशन में पेश भी किया। इस पर उपराज्यपाल ने प्लान को मुख्यमंत्री की सहमति के साथ केंद्र सरकार के पास भेजने पर मौखिक सहमति दे दी है। दिल्ली सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिलास्तर की बजाय वार्ड स्तर पर कोरोना पॉजिटिव केस का विश्लेषण करने पर यह बात सामने आई कि 50 फीसदी से भी कम वार्ड रेड श्रेणी में आ रहे हैं जबकि 31 फीसदी वार्ड ग्रीन श्रेणी में आ रहे हैं।
 
 
दिल्ली की आबादी ज्यादा है और इसे जिलास्तर पर देखने की बजाय वार्ड स्तर पर देखकर दिल्ली की आर्थिक स्थिति, छूट की जरूरत और मजदूरों की स्थिति को देखते हुए प्लान को मंजूरी दी जा सकती है। लेकिन अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है तो जल्द ही स्वास्थ्य विभाग इसका प्लान केंद्र सरकार को भेजेगा। राजनीतिक स्तर पर भी यह बात आती रही है कि दिल्ली में माइक्रो लेवल पर प्लानिंग करके कंटेनमेंट जोन और पाबंदी पर काम करने की जरूरत है। अगर जिला स्तर पर देखते हैं तो जो लोग लॉकडाउन का पालन भी कर रहे हैं, उन पर भी पाबंदी बढ़ती रहेगी।

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