दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में रहने वाले जरूरतमंद लोगों को इस महीने दोगुना राशन दिया जाएगा। केजरीवाल ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि लॉकडाउन की मार सबसे अधिक गरीबों पर पड़ी है। दिल्ली सरकार सामान्य रूप से प्रति व्यक्ति हर महीने 5-5 किलो राशन देती है, लेकिन पिछले माह सभी को डेढ़ गुना (7.5 किलोग्राम) राशन दिया गया था और इस माह हर व्यक्ति को 10 किलोग्राम राशन दिया जाएगा।
 
राशन के साथ सभी को एक किट भी दी जाएगी, जिसमें दैनिक उपयोग के सामान होंगे। साथ ही केजरीवाल ने को कहा कि दिल्ली सरकार गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के क्लिनिकल ट्रायल को नहीं रोकेगी क्योंकि उसके शुरुआती नतीजे अच्छे हैं। इस घोषणा से कुछ दिनों पहले केंद्र ने कहा था कि कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी प्रायोगिक चरण में है और इससे जीवन के लिए घातक जटिलताएं पैदा होने की आशंका है।

कोटा में फंसे छात्र आज पहुंच जाएंगे घर
केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे छात्रों को लाने के लिए 40 बसें रवाना कर दी गई हैं। यह सभी बसें निजी ऑपरेटर की हैं। उम्मीद है कि आज सभी छात्र घर वापस आ जाएंगे, लेकिन उन्हें अपने घर में ही 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 3500 मामले हो गए हैं जिससे लगता है कि दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है, जबकि ऐसा नहीं है। दिल्ली सरकार प्रति 10 लाख आबादी पर 2300 टेस्ट करा रही है, जबकि देश के अन्य राज्यों में यह आंकड़ा औसतन 500 टेस्ट का है। अब तक दिल्ली में 1100 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में कल रात तक करीब 3515 कोरोना वायरस के मामले सामने आये हैं। इनमें से 1100 लोग ठीक होकर अपने घर चले गए हैं जबकि 59 लोगों की मौत हो गई है। 2362 लोग अभी सक्रिय मामले हैं। एक तरह से दिल्ली में करीब साढ़े तीन हजार मामले कोरोना वायरस के सामने आये हैं।
 
इन आंकड़ों से लगता है कि दिल्ली में मामले बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन दिल्ली में जांच बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, ताकि पता चल जाए कि कौन संक्रमित है, कौन नहीं। दिल्ली में प्रति 10 लाख की आबादी पर करीब 2300 टेस्ट हो रहे हैं जबकि पूरे देश का आंकड़ा 10 लाख की आबादी पर करीब 500 टेस्ट हैं। जांच अधिक होने की वजह से लग रहा है कि दिल्ली में मामले अधिक बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन इसका एक पॉजिटिव परिणाम भी सामने आ रहा है। दिल्ली में ज्यादा लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होकर घर जा रहे हैं। अब तक 1100 लोग ठीक होकर घर चले गए। आने वाले कुछ दिनों के अंदर और भी कई लोग ठीक होकर घर जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर जितने लोग कोरोना वायरस से प्रभावित मिले, उनमें मरने वालों की संख्या भी सिफर् 59 है। अन्य राज्य और देश से तुलना किया जाए, तो यह भी काफी कम है। पूरी दिल्ली के अंदर काफी कंटेन्मेंट जोन बनाए हैं। कई कंटेन्मेंट जोन में लोग ठीक हो रहे हैं और उन्हें कंटेन्मेंट जोन से बाहर भी किया जा रहा है। पूरी सरकारी मशीनरी लगी हुई है। एक तरफ हमें कोरोना को फैलने से रोकना है और दूसरी तरफ, हमें कोशिश करना है कि यदि किसी को हो भी जाए, तो वह ठीक होकर घर चला जाए। किसी भी हालत में किसी की मौत नहीं होनी चाहिए।

प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हुए गंभीर मरीज
मुख्यमंत्री ने कहा कि एलएनजेपी में केंद्र सरकार से प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण करने की अनुमति मिली थी। कुछ मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गयी और उनमें से पहला मरीज कल ठीक होकर अपने घर चला गया है। वह काफी गंभीर थे और आईसीयू में थे। अब वह बिल्कुल ठीक हैं। हमें प्लाज्मा थेरेपी के प्राथमिक नतीजे अच्छे मिल रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले केंद्र सरकार की तरफ से कुछ बयान आए थे, जिनकी वजह से असमंजस की स्थिति पैदा हुई थी। कई लोगों के फोन आए कि क्या प्लाज्मा थेरेपी को बंद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ इतना कहा था कि प्लाज्मा थेरेपी जिन लोगों के लिए केंद्र सरकार से अनुमति है, वही लोग प्लाज्मा थेरेपी के ट्रायल करें। प्लाज्मा थेरेपी के अभी नतीजे अंतिम नहीं आए हैं। अभी उसका परीक्षण चल रहा है।
 
यही केंद्र सरकार ने कहा था और वह भी यही मानते हैं। अभी एलएनजेपी अस्पताल में जो गंभीर मरीज हैं, उन पर परीक्षण करके देखा जा रहा है कि कैसे नतीजे आते हैं। जैसे-जैसे नतीजे आ रहे हैं, उसे सभी के सामने रखा जाता है। प्लाज्मा थेरेपी के शुरूआती नतीजे अच्छे आए हैं और उम्मीद है कि आगे भी नतीजे अच्छे आएंगे, जिससे कुछ सामाधान मिल सकेगा। दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण पूरे जोर-शोर से चल रहा हैं और जैसे-जैसे नतीजे आएंगे, उन्हें सार्वजनिक किया जायेगा। श्री केजरीवाल ने कहा कि उन्हें बेहद खुशी है कि 1100 लोग जो कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए हैं, उन सभी से संपकर् किया जा रहा है और लगभग सभी लोग अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार हैं। उन्हें लगता है कि वह स्वस्थ हो गये तो उनकी वजह से किसी की जान बच जाएगी, तो और अच्छी बात है। उन्होंने प्लाज्मा डोनेट करने की सहमति देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया।

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