एक नजर पूरी खबर

  • बेहद जरुरी है कि, जिन मरीजों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है उन्हें अपनी सीटी वैल्यू जरूर पता होनी चाहिए।
  • 24 से ज्यादा सीटी वैल्यू वाले मरीजों की अन्य लोगों में संक्रमण फैलाने की संभावना बहुत कम होती है।
  • लेकिन इन मरीजों को भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरुरत है।

कोनिड-19 की आरटीपीसीआर टेस्ट में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर जिन मरीजों में सायकल थ्रेसोल्ड मान (सीटी वैल्यू) 24 से अधिक है तो, उन मरीजों में संक्रमण फैलने की आशंका बिल्कुल न के बराबर होती है। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि, जिन मरीजों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है उन्हें अपनी सीटी वैल्यू जरूर पता होनी चाहिए।
हाल ही में ऐसे कई केस सामने आए हैं जिसमें मरीजों में कोरोना मृत पाया गया था। ऐसे मरीज संक्रमित तो हैं, लेकिन इनसे दूसरे लोगों में संक्रमण नहीं फैलता है। इसलिए जो भी लोग अस्पताल या लैब में आरटीपीसीआर जांच करा रहै हैं, उन्हें डॉक्टरों से जरुर पूछना चाहिए कि उनके शरीर में सीटी वैल्यू की मात्रा कितनी है।
सफदरजंग अस्पताल में मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ.जुगल किशोर का कहना है कि, मरीजों में सीटी वेल्यू एक प्रकार से विषाणु की मात्रा का मानक होता है। अन्य बिमारियों की तरह कोरोना वायरस का भी एक मानक होता है। 24 से ज्यादा सीटी वैल्यू वाले मरीजों की अन्य लोगों में संक्रमण फैलाने की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन सीटी वैल्यू ज्यादा होने का मतलब ये नहीं कि, मरीज कोरोना के सुरक्षा नियमों का पालन न करे। इन मरीजों को भी बहुत ही सावधानी बरतने की जरुरत है।

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