राजधानी दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर पिछले पांच दिन में 237 कौओं की मौत हो चुकी है। करीब 200 कौओं की मौत अकेले यमुनापार इलाके के मयूर विहार फेज-तीन की ए-2 पाकेट स्थित सेंट्रल पार्क में हो चुकी है। शुक्रवार को भी यहां 25 कौओं की मौत हो गई। वहीं द्वारका सेक्टर-9 डीडीए पार्क में बृहस्पतिवार को 15 कौओं की मौत हुई थी, शुक्रवार को भी दो मरे मिले। इसके अलावा पालम में 4, हस्तसाल में 16 कौओं की मौत हो गई। बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) की आशंका के मद्देनजर सेंट्रल पार्क में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यहां से पांच मरे हुए कौओं के नमूने जांच के लिए पालम स्थित पशु पालन इकाई की प्रयोगशाला भेजे गए हैं। जरूरत पड़ने पर नमूने जांच के लिए जालंधर स्थित उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला भेजे जाएंगे। कुल मिलाकर पशुपालन विभाग अब तक 109 सैंपल जांच के लिए भेज चुका है। इनमें से कुछ की रिपोर्ट सोमवार तक आने की उम्मीद है।
 
 

 
इधर, पूर्वी जिलाधिकारी अरुण मिश्रा ने बताया कि कुछ सैंपल जमा करके जांच के लिए जालंधर भेजे गए हैं। वेटरनरी विभाग के डॉक्टर 24 घंटे मामले की निगरानी कर रहे हैं। हालांकि अभी फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है, देखा जा रहा है कौवों की मौत कैसे हुई है।
इधर, अधिकारियों का कहना है कि अब तक बर्ड फ्लू के कारण चिड़ियाघर के एक भी पक्षी की मौत नहीं हुई है। लगातार कड़ी सतर्कता बरती जा रही है। अधिकारी व डाॅॅक्टरों की टीम लगातार इसकी जांच भी कर रहे हैं। वहीं, देश के अन्य राज्यों से दिल्ली पहुंचे पक्षियों की निगरानी भी की जा रही है। अब तक बाहर से आए पक्षी की भी कोई मौत नहीं हुई है। कर्मचारी लगातार तालाब व अन्य स्थानों पर इसकी जांच में लगे हुए हैं।

 
मुर्गा मंडी में गंदगी के बीच अवैध रूप से काटे जा रहे मुर्गे
गाजीपुर मुर्गा व मछली मंडी में गंदगी की भरमार है। अवैध तरीके से मुर्गे और मछलियों को काटा जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर दिल्ली बूचड़खाना निगरानी समिति द्वारा गठित पांच सदस्यीय उप समिति ने अपनी रिपोर्ट में निरीक्षण के दौरान की विचलित कर देने वाली तस्वीरें लगाई है। जिसमें कुछ लोग मंडी में मुर्गों को पैर से कुचलते दिख रहे हैं। समिति ने सिफारिश की है कि मंडी में अवैध रूप से मुर्गा व मछली काटने की गतिविधि को रोका जाए।

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