पंजाब में नकली शराब पीने से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। इस जहरीली शराब से अब तक तरनतारन में 67, अमृतसर में 12 और बटाला में 11 की मौत मौत हो चुकी है। इस पर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कार्रवाई करते हुए 2 डीएसपी और 4 एसएचओ के साथ 7 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर जांच के आदेश दे दिए हैं। इसके साथ ही सीएम ने शराब कांड में मरने वालों के परिवार को 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। पंजाब पुलिस ने शनिवार को 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया।
शराब बनाने के लिए अल्कोहल जिला पटियाला के ढाबों से तरनतारन पहुंचाया जाता था। तीन ढाबों को सील कर दिया गया है। सारा दिन चली पुलिस छापामारी की कार्रवाई के बाद पटियाला, अमृतसर, गुरदासपुर व तरनतारन से 17 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को भी आठ आरोपित पकड़े गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी सरकारी कर्मचारी या अन्य की मिलीभगत के सामने आने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने नकली शराब बनाने और बेचने को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी को शर्मनाक करार दिया।
उन्होंने कहा कि किसी को भी हमारे लोगों को जहर पिलाने की हरगिज इजाजत नहीं दी जायेगी। इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकल्प करते हुए मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि जो भी नकली शराब बेचने के धंधे में शामिल है, वह इसको तुरंत बंद कर दे या फिर गंभीर नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को दोषियों की खोज करने और इस केस में शामिल सभी व्यक्तियों पर आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। इस केस में उन्होंने बीते दिन ही डिवीजन कमिश्नर को मैजिस्ट्रियल जांच करने के आदेश दिए हैं जिनको एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि एसी गैर-कानूनी कार्यवाहियों को सहन नहीं किया जायेगा।

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